हिमाचल में पढ़ाई में कमजाेर छात्र बनेंगे होशियार, पठन पाठन का इस तरह से बदलेगा तरीका
himachal School News कमजोर छात्र भी अब होशियर बनेंगे इनके लिए पठन व पाठन दोनों ही तरीके बदले जाएंगे ताकि पढ़ाई की कमजोरियों को दूर किया जा सके। गुणात्मक शिक्षा और बेहतर परीक्षा परिणाम लाने के लिए समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है।
शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कमजोर छात्र भी अब होशियर बनेंगे। कमजोर छात्रों के लिए पठन व पाठन दोनों ही तरीके बदले जाएंगे, ताकि पढ़ाई की कमजोरियों को दूर किया जा सके। गुणात्मक शिक्षा और बेहतर परीक्षा परिणाम लाने के लिए समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। समग्र शिक्षा अभियान ने पढ़ाई लिखाई में कमजोर छात्रों के लिए रेमेडियल स्टडी मैटिरियल तैयार किया है। स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) और गैर सरकारी संस्था के सहयोग से यह स्टडी मैटिरियल तैयार किया है।
हिप्पा में बीते शनिवार स्टेट रिसोर्स ग्रुप के सदस्यों के लिए एक कार्यशाला भी आयोजित की गई थी। रेमेडियल स्टडी मैटिरियल में पठन पाठन से संबंधित कई बदलाव किए गए हैं। गणित के फाॅर्मूले को कैसे आसान करके पढ़ाया जा सकता है। बच्चे कैसे अच्छी अंग्रेजी बोल सकते हैं, वीडियो लैसन, खेल खेल में पढ़ाई की तकनीक के अलावा पढ़ाने के लिए आधुनिक तरीकों को इसमें शामिल किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डांट फटकार के बजाय रोचक तरीके से यदि बच्चों को पढ़ाया जाए तो वह ज्यादा जल्दी सीखते हैं। आने वाले दिनों में एसएसए इसके लिए शिक्षकों के लिए भी ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित करेगा। शिक्षा विभाग कमजोर छात्रों के लिए हर साल अतिरिक्त कक्षाएं लगाता है। यदि इस साल अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाती है तो रेमेडियल स्टडी मैटिरियल ही छात्रों को पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों को नए मॉड्यूल से प्रशिक्षण के जरिए रूबरू करवाया जाएगा।
समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि रेमेडियल स्टडी मैटिरियल तैयार कर दिया गया है। स्कूलों में कमजोर बच्चों के लिए पढ़ाई में मददगार साबित होगा। एसएसए का प्रयास है कि बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई करे, ताकि परीक्षा परिणाम बेहतर हो सके।