हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बिना प्रवेश परीक्षा अफसरों के बच्चों को पीएचडी में दाखिले का विरोध
HPU Phd Admission हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में बिना परीक्षा पास किए अधिकारियों के बच्चों को पीएचडी में प्रवेश देने का विरोध शुरू हो गया है। कई अभ्यर्थियों ने पीएचडी की प्रवेश परीक्षा भी पास नहीं की है। छात्र संगठनों ने इसको लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है।
शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में बिना परीक्षा पास किए अधिकारियों के बच्चों को पीएचडी में प्रवेश देने का विरोध शुरू हो गया है। कई अभ्यर्थियों ने पीएचडी की प्रवेश परीक्षा भी पास नहीं की है। छात्र संगठनों ने इसको लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने बताया कि शिक्षकों के बच्चों को पीएचडी दाखिलों में अनुचित तवज्जो देना आम विद्यार्थियों के साथ धोखा है। संविधान के तहत समानता के अधिकार के विरुद्ध भी है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ आम विद्यार्थी सुविधाओं के अभाव में संघर्ष करते हुए नेट/जेआरएफ उत्तीर्ण करते हैं, लेकिन पीएचडी में कम सीटों के कारण दाखिले से वंचित रह जाते हैं। यह फैसला यूजीसी के नियमों की भी सरेआम धज्जियां उड़ा रहा है। विशाल सकलानी ने कहा कि यह फैसला वापस नहीं लिया तो परिषद उग्र आंदोलन करेगी। वहीं, एनएसयूआइ के अध्यक्ष चतर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह फैसला एक तरफा है। उन्होंने भी फैसले का विरोध किया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा, यह ईसी का फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि यह कार्यकारी परिषद (ईसी) का फैसला है, जिसके बारे में पहले ही सूचित किया जा चुका है। हर विभाग में शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों के बच्चों के लिए पहले से कुछ सीटें आरक्षित हैं। इसके अलावा इनकी फीस भी आधी ही लगती है। कालेजों में सहायक प्रोफेसर के पद पर सेवारत कर्मचारियों को भी यह सुविधा है। इसके साथ ही प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रवेश के लिए भी छूट दी जाती है।