नियामक आयोग की सख्‍ती के बाद निजी विश्‍वविद्यालयों के अपात्र कुलपति छोडऩे लगे पद, कुछ ने रखा पक्ष

Private university हिमाचल प्रदेश में चल रहे निजी विश्वविद्यालयों में अपात्र कुलपतियों ने अपने पद से खुद ही इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। करीब छह कुलपति अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। कई विश्वविद्यालयों ने अपना पक्ष निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के समक्ष रखा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 09:42 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 09:42 AM (IST)
नियामक आयोग की सख्‍ती के बाद निजी विश्‍वविद्यालयों के अपात्र कुलपति छोडऩे लगे पद, कुछ ने रखा पक्ष
निजी विश्वविद्यालयों में अपात्र कुलपतियों ने अपने पद से खुद ही इस्तीफा देना शुरू कर दिया है।

शिमला/धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में चल रहे निजी विश्वविद्यालयों में अपात्र कुलपतियों ने अपने पद से खुद ही इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। करीब छह कुलपति अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। कई विश्वविद्यालयों ने अपना पक्ष निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के समक्ष रखा है। नियामक आयोग ने 10 दिसंबर तक का समय विश्वविद्यालय प्रबंधकों को दिया है। इसके बाद सभी विश्वविद्यालयों के पक्ष को सुना जाएगा। उसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने प्रदेश के 10 निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार दिया था। आयोग ने इन विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (चांसलर) को निर्देश दिए थे कि वह इस पर आगामी कार्रवाई कर 10 दिसंबर तक अनुपालना रिपोर्ट आयोग को दें।

शिकायत पर हुई थी कार्रवाई

नियामक आयोग के पास शिकायत आई थी कि कई निजी विश्वविद्यालयों में तैनात कुलपति अपनी योग्यता ही पूरी नहीं रखते। आयोग ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की, जिन कुलपतियों को अयोग्य करार दिया गया है उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नियमों के विपरीत हुई है। प्रदेश में कुल 17 निजी विश्वविद्यालय हैं। मौजूदा समय में 16 ही चल रहे हैं। फर्जी डिग्री विवाद के चलते एक निजी विवि को पहले ही बंद कर दिया जा चुका है।

निजी विवि के जवाब के बाद होगी कार्रवाई

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक का कहना है निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों पर क्या कार्रवाई की गई है इसको लेकर 10 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। जवाब आने के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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