प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश, पूरे राज्य से संबंधित अतिक्रमणों से जुड़े मामलों के आंकड़े उपलब्ध कराए सरकार
प्रदेश हाईकोर्ट ने चंबा जिला में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और सरकार द्वारा बेदखली के आदेशों का पालन न करने से जुड़े मामले में राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह पूरे प्रदेश से संबंधित अतिक्रमणों से जुड़े मामलों के आंकड़े उपलब्ध कराए।
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश हाईकोर्ट ने चंबा जिला में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और सरकार द्वारा बेदखली के आदेशों का पालन न करने से जुड़े मामले में राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह पूरे प्रदेश से संबंधित अतिक्रमणों से जुड़े मामलों के आंकड़े उपलब्ध कराए। जो सरकार के खिलाफ किसी भी क्षमता में दर्ज किए गए हैं। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि ऐसे मामलों में अंतरिम आदेश किस तारीख से चल रहे हैं और सरकार ने उन्हें खाली कराने के लिए क्या प्रयास किए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश प्रार्थी टेक चंद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के पश्चात पारित किए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ समय पहले ग्राम पंचायत पंजोई जिला चंबा में सरकारी भूमि पर चंद लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू किया था जो अब बढ़कर 50 से अधिक हो गए हैं और उन्होंने उसी पर घर/दुकानें बना ली हैं और बिना कोई आवश्यक दस्तावेज जमा किए इन दुकानों के लिए बिजली कनेक्शन भी ले लिया है।
इन लोगों ने दुकानें बनाकर स्कूल की जमीन पर भी अतिक्रमण किया है और स्कूल के अंदर और आसपास अवैध गतिविधियां चल रही हैं। यह न तो जनता के हित में है और न ही वहां पढ़ने वाले छात्रों के हित में है। आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कई लोगों के खिलाफ कई शिकायतें कीं और उनके खिलाफ बेदखली की कार्यवाही भी शुरू की गई, लेकिन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ बिना किसी कार्रवाई के कार्यवाही वर्षों से चल रही है, जो अभी भी अतिक्रमित भूमि से लाभ का आनंद ले रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसने इस संबंध में रिट याचिका और अवमानना याचिका भी दायर की है और उसी में आदेश पारित करने के बाद सरकार ने बेदखली की कार्यवाही समाप्त कर दी है और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ बेदखली आदेश जारी किया। जो कागजों तक ही सीमित है। अभी तक अतिक्रमणकारियों को सरकारी जमीन से बेदखल नहीं किया गया है। मामले पर सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।