अब खिलाड़ी संभालेंगे खेल संघ

हिमाचल की नई खेल नीति की घोषणा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में 11 दिसंबर को धर्मशाला में होगी। इसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। अभी तक राजनेता ही खेल संघों के अध्यक्ष व राज्य कार्यकारिणी में होते थे।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:39 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:39 PM (IST)
अब खिलाड़ी संभालेंगे खेल संघ
अब खिलाड़ी संभालेंगे खेल संघ। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण टीम। हिमाचल की नई खेल नीति की घोषणा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में 11 दिसंबर को धर्मशाला में होगी। इसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। अभी तक राजनेता ही खेल संघों के अध्यक्ष व राज्य कार्यकारिणी में होते थे। नई नीति के तहत किसी भी ऐसे व्यक्ति को संघ का अध्यक्ष या पदाधिकारी नहीं बनाया जाएगा, जिसका खेल से कोई वास्ता नहीं। खेल के बूते हिमाचल का नाम गौरवान्वित करने वालों को ही संघ की कमान सौंपी जाएगी।

खेल मंत्री राकेश पठानिया ने शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि नई खेल नीति को कैबिनेट उप समिति ने मंजूरी दे दी है, मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद अधिसूचित होने पर यह लागू होगी। हाल ही में दिल्ली में अनुराग ठाकुर को खेल नीति का ड्राफ्ट सौंपा था। अनुराग ने इसमें कुछ संशोधन करने के सुझाव दिए हैं। नई नीति में एक खेल के लिए एक ही संघ बनाने का प्रविधान है। नई नीति के तहत राज्य सरकार

डाइट मनी दोगुना करेगी।

सरकारी क्षेत्रों में खेल कोटा के तहत तीन फीसद नौकरी के लिए चुङ्क्षनदा खेल ही शामिल हैं। नई खेल नीति में सभी खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ी नौकरी के लिए पात्र होंगे।

जोन आधार पर खेलों का विकास

पठानिया ने कहा कि प्रदेश में जोन के आधार पर खेलों के विकास की योजना है। खिलाडिय़ों की प्रतिभा को बचपन में ही पहचान कर उन्हें अकादमी में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। जिस जोन में जो खेल अधिक लोकप्रिय होगा, उसे प्रोत्साहित किया जाएगा।

ये नए पुरस्कार होंगे शुरू

प्रदेश सरकार नए खेल पुरस्कार भी शुरू करेगी। इसके तहत राज्य अभिमन्यु अवार्ड, राज्य गुरु वशिष्ठ अवार्ड और अवार्ड फार दिव्यांग शुरू किए जाएंगे।

पदक विजेताओं को पेंशन

ओलिंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं को पेंशन देने का प्रविधान किया गया है। अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड पाने वालों को मासिक वेतन मिलेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्टेट स्पोट््र्स काउंसिल गठित होगी। गांवों से शहरों तक नए स्टेडियम बनाए जाएंगे, स्पोट््र्स ट्रेङ्क्षनग डेस्टिनेशन बनाने की योजना भी है। एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर मिलेगा। स्कूलों में शारीरिक शिक्षा और खेल को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। दिव्यांग खिलाडिय़ों के लिए साहसिक खेल भी होंगे।

केंद्र से मांगेंगे अतिरिक्त बजट

खेल मंत्री ने कहा कि विभाग के पास 48 करोड़ का कुल बजट है, जिसमें से 24 करोड़ रुपये वेतन पर ही खर्च हो जाता है। केंद्र से खेल के लिए अतिरिक्त बजट की मांग भी की जाएगी।

गांव से तलाशी जाएंगी प्रतिभाएं

खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि नई खेल पालिसी में प्रतिभा खोज पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह नीति खिलाडिय़ों को ध्यान में रखकर बनाई गई है ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो लक्ष्य दिया है उसे पूरा किया जा सके।

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