शव को जला देने के बाद खत्म हो जाता है कोरोना वायरस, जानिए विशेषज्ञों की राय
Coronavirus Finish After Cremation इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) के फाॅरेंसिक मेडिशियन विभाग के प्रो. पियूष कपिला ने कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत होने के बाद वायरस फैलने की भ्रांतियों को गलत बताया है। मृत्यु होने पर शव में 72 घंटे तक कोरोना वायरस रहता है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Finish After Cremation, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) के फाॅरेंसिक मेडिशियन विभाग के प्रो. पियूष कपिला ने कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत होने के बाद वायरस फैलने की भ्रांतियों को गलत बताया है। उनका कहना है कि कोरोना के कारण मृत्यु होने पर शव में 72 घंटे तक कोरोना वायरस रहता है। अस्पताल में शव को ऐसे बैग में डाला जाता है, जिससे उसमें से तरल बाहर निकलने की संभावना नहीं रहती। कई जगह लोग दाह संस्कार से पहले मृतक का मुंह देखना चाहते हैं। मुंह की तरफ से बैग की जिप को थोड़ा नीचे खींचने के बाद मुंह देख सकते हैं। ऐसा करने से कोरोना वायरस नहीं फैलता।
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कोरोना से होने वाली मौत के मामले में कहा जाता है कि पोस्टमाटर्म क्यों नहीं करवाते। यहां पर आरसीएमआर के साफ दिशा-निर्देश हैं कि कोरोना संक्रमित की मौत के बाद पोस्टमाटर्म करवाना जरूरी नहीं है। श्मशान घाट में शव छह से सात हजार डिग्री सेल्सियस तापमान में जलता है। इतने अधिक तापमान में कोरोना वायरस फैलने का सवाल ही नहीं उठता। कोरोना वायरस 70 से 75 डिग्री सेल्सियस तापमान में खत्म हो जाता है। इसलिए शव से संक्रमण फैलने की अफवाह न फैलाएं और न ही चिकित्सा विज्ञान में इसका कोई प्रमाण है।
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