अब बिजली जाने पर भी नहीं फंसेंगे लिफ्ट में, यह खास डिवाइस होगा कारगर साबित

प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में अब बिजली जाने पर लिफ्ट के भीतर लोग नहीं फंसेंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 01:52 PM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 01:52 PM (IST)
अब बिजली जाने पर भी नहीं फंसेंगे लिफ्ट में, यह खास डिवाइस होगा कारगर साबित
अब बिजली जाने पर भी नहीं फंसेंगे लिफ्ट में, यह खास डिवाइस होगा कारगर साबित

शिमला, रामेश्वरी ठाकुर। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में अब बिजली जाने पर लिफ्ट के भीतर लोग नहीं फंसेंगे। अस्पताल में मरीजों को सेवाएं दे रही सभी लिफ्टों को बदलने का प्रावधान है। पहले चरण में अस्पताल के भीतर एक लिफ्ट बदली जाएगी। इसमें ऑटोमेटिक रेस्क्यू डिवाइस (एआरडी) फिट की जानी है। इसमें बेटरी ऑपरेटिड सिस्टम होगा जिसकी वजह से लिफ्ट बिजली गुल हो जाने की स्थिति में भी नजदीकी मंजिल की सतह पर रुकेगी और अपने आप खुल जाएगी। ऐसे में लिफ्ट के भीतर मौजूद मरीज और तीमारदार आसानी से बाहर निकल सकेंगे।

आइजीएमसी अस्पताल में आठ लिफ्टें हैं जिन्हें बदला जाएगा। यह सभी लिफ्टें कई साल पुरानी हैं। पुरानी होने की वजह से यह कभी भी बंद हो जाती हैं। अस्पताल में प्रदेश के विभिन्न इलाकों से करीब चार हजार से अधिक लोग रोजाना अपना मर्ज दिखाने पहुंचते हैं। इसके अलावा करीब 1200 मरीज दाखिल रहते हैं। ऐसे में अचानक लिफ्ट बंद होने की वजह से मरीजों का मर्ज दोगुना हो जाता है।

आए दिन बिजली चले जाने की वजह से अस्पताल स्टाफ सहित मरीज परेशानी का सामना करते हैं। अकसर लिफ्ट में फंसे मरीजों को सांस लेने में परेशानी और घबराहट होती है। सबसे अधिक परेशानी स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर बैठे मरीजों को उठानी पड़ती है। रोजाना टेस्ट व अन्य चेकअप के लिए मरीज व तीमारदार इन्हीं लिफ्टों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी असुविधा अस्पताल पहुंचने वाले किसी भी मरीज को न हो, इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।

मरीजों की सुविधा के लिए स्थापित की जा रहीं नई लिफ्टें

आइजीएमसी अस्पताल के एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि मरीजों और तीमारदारों की सुविधा के लिए पुरानी लिफ्टों को बदलकर नई लिफ्टें लगाई जा रही हैं। पहले चरण में एक लिफ्ट बदलने का प्रस्ताव है। इसकी कामयाबी के बाद अन्य लिफ्टें भी जल्द स्थापित की जाएंगी। हालांकि पुरानी लिफ्टों की मरम्मत भी समय-समय पर की जाती है ताकि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। रोजाना हजारों लोग अस्पताल के विभिन्न ब्लॉकों में स्थापित लिफ्टों से एक मंजिल से दूसरी पर जाते हैं। मरीजों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए नई लिफ्टों में एआरडी लगाई जाएगी।

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