आगामी चुनावों के लिए भाजपा को गुमराह कर रहे कुछ पार्टी नेता - श्री कंठ चौधरी

क्षत्रिय घृत वाहती चाहगं महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्रीकंठ चौघरी व महासभा के राज्य व जिलों के पदाधिकारियों ने एक ब्यान में कहा कि बीजेपी के कुछ नेता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जमीनी हकीकत से अवगत करवाने के बजाय कह रहे हैं कि भाजपा 2002 का चुनाव दोबारा जीतेगी।

By Richa RanaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 10:34 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 10:34 AM (IST)
आगामी चुनावों के लिए भाजपा को गुमराह कर रहे कुछ पार्टी नेता - श्री कंठ चौधरी
भाजपा की कार्यप्रणाली से हिमाचल प्रदेश का ओबीसी वर्ग बहुत नाराज है।

धर्मशाला, जेएनएन। क्षत्रिय घृत वाहती चाहगं महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्रीकंठ चौधरी व महासभा के राज्य व जिलों के पदाधिकारियों ने एक ब्यान में कहा कि बीजेपी के कुछ नेता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जमीनी हकीकत से अवगत करवाने के बजाय चाटुकारिता करते हुए कह रहे हैं कि भाजपा 2002 का चुनाव दोबारा जीतेगी।

लेकिन सच्चाई ये है कि हिमाचल प्रदेश का ओबीसी वर्ग सरकार से बहुत नाराज है। हिमाचल में ओबीसी की आबादी सबसे ज्यादा 50 फीसदी से अधिक है। ओबीसी जिस पार्टी को या किसी भी उम्मीदवार को जिस विधाननसभा क्षेत्र में वोट डालती है जीत उसी की होती है।जिसका ताजा उदारण सभी ने धर्मशाला उपचुनाव में देख लिया है। ओबीसी के बिना उक्त चुनाव मे बीजेपी के पसीने छुटे और कांग्रेस अपनी जमानत तक न बचा पाई। वक्त रहते मुख्यमंत्री ने जिस तरह 2019 में हुए 103वें संबिधान संशोधन के अनुसार सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण लागू करके प्रदेश के मेडिकल कॉलजों में 64 सीटे आराक्षित कर दी, परंतु 2005 में हुए 93वें संवैधानिक संशोधन को आजतक लागू नहीं किया।

जिस के अनुसार ओबीसी को 27 फीसदी अरक्षण नौकारियों और शिक्षण संस्थानों में बच्चों के दाखिले की अधिसूचना जारी की जानी है। सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण से प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में 64 सीटें परंतु ओबीसी को 18 फीसदी आरक्षण होते हुए भी मात्र 14 सीटें कश्मीरियों व तिबतियों की भांति दी है। यह अन्याय ओबीसी कभी सहन नहीं करेगा। 2022 के विधानसभा में बीजेपी की हार ओबीसी वर्ग की इस नाराज़गी से पकी है। इस बात को नज़र अन्दाज करके बीजेपी कभी चुनाव नहीं जीत सकती।

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