वनसंरक्षण अधिनियम की अनुमति मिलते ही मनाली रोपवे के कार्य को मिलेगी गति
वन संरक्षण अधिनियम और वनाधिकार कानून (एफआरए) के अनुमति मिलते ही जिला कुल्लू में नए कार्य को गति प्रदान की जाएगी। सोलंगवैली में वन रहे रोपवे का कार्य वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) की अनुमति न मिलने के चलते लटका हुआ था। अब अनुमति मिलते ही कार्य में गति मिलेगी।
कुल्लू, संवाद सहयोगी। वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वनाधिकार कानून (एफआरए) के अनुमति मिलते ही जिला कुल्लू में नए कार्य को गति प्रदान की जाएगी। कुल्लू जिला में वन विभाग को मनाली के सोलंगवैली में वन रहे रोपवे का कार्य वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) की अनुमति न मिलने के चलते लटका हुआ था। अब अनुमति मिलते ही कार्य में गति मिलेगी। इसके लिए 8.9899 हेक्टेयर भूमि वन विभाग के अधीन आती है जिसकी अब वन विभाग से अनुमति मिल चुकी है। अब जल्द ही पर्यटकों के लिए रोपवे बनकर तैयार होगा। इसके अलावा छह अन्य कार्य की भी वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) की अनुमति मिली है।
इसमें अप्पर बबेली में पीएमजीएसबाई के तहत सड़क निर्माण और गुनाल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए भी वन भूमि, सब्जी मंडी बंदरोल से काइस गांव तक सड़क निर्माण, शिला ताराशी से दचाणी सड़क, बड़ागांव में कोल्ड स्टोर को बनाने के लिए, जबकि इलेक्शन आफिस द्वारा वार हाउस स्टोरेज इवीएम, वीवीपेट मशीन को रखने के लिए, अनुमति मिल चुकी है। अब इन कार्य को गति प्रदान होगी। इसके अलावा नौ एफआरए कार्य को अनुमति मिल चुकी है। इसमें सात सड़कें और एक टैंक और एक भवन निर्माण कार्य होगा। इसमें ब्लाक कार्यालय नग्गर, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, खंड विकास कार्यालय कुल्लू, के कार्य को एफआरए की अनुमति मिली है।
बिजली महादेव प्रोजेक्ट को नहीं मिली अनुमति
हालांकि प्रधानमंत्री के ड्रिम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले बिजली महादेव रोपवे को अभी तक एफसीए की अनुमति नहीं मिली है। अगर अनुमति मिल जाती तो कार्य को तेजगति से किया जा सकता है। अभी तक एफसीए की अनुमति के बिना यह ड्रिम पोजेक्ट अभी तक अधर में लटका हुआ है।
एंजल चौहान डीएफओ कुल्लू ने कहा कि जिला कुल्लू के मनाली रोपवे निर्माण को लेकर एफसीए की अनुमति मिल चुकी है। एफसीए और एफआरए के कार्य के अनुमति मिलने के बाद कार्य करने को कहा गया है।