राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम में सोलन सब्‍जी मंडी अव्वल, किसानों व बागवानों को आनलाइन की अदायगी

Solan Sabji Mandi राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम के माध्यम से किसानों को सबसे अधिक आनलाइन पेमेंट देने में सोलन सब्जी मंडी पहले स्थान पर रही है। मार्केट कमेटी सोलन ने प्रदेश के 1842 किसानों व बागवानों को 26 करोड़ रुपये की अदायगी आनलाइन की है।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 06:45 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 07:42 AM (IST)
राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम में सोलन सब्‍जी मंडी अव्वल, किसानों व बागवानों को आनलाइन की अदायगी
राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम में सोलन अव्वल। जागरण आर्काइव

भूपेंद्र ठाकुर, सोलन। Solan Sabji Mandi, राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम के माध्यम से किसानों को सबसे अधिक आनलाइन पेमेंट देने में सोलन सब्जी मंडी पहले स्थान पर रही है। मार्केट कमेटी सोलन ने प्रदेश के 1842 किसानों व बागवानों को 26 करोड़ रुपये की अदायगी आनलाइन की है। हिमाचल प्रदेश की 19 मंडियां राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम से जोड़ी हैं। हैरानी की बात है कि अधिकतर मंडियों में ई-नाम योजना नाममात्र के लिए ही चल रही है। एक जनवरी से 27 नवंबर, 2021 तक प्रदेश की विभिन्न मंडियों से 6784 किसानों को 79.56 करोड़ रुपये की अदायगी आनलाइन हुई है।

प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड की ओर से किसानों के कुछ उत्पादों को आनलाइन बेचे जाने के लिए चयनित किया है। सोलन में सेब, टमाटर, मटर, शिमला मिर्च, लहसुन व बीन को आनलाइन बेचा जा रहा है। इसी प्रकार प्रदेश के अन्य जिलों में भी कुछ लोकल उत्पादों को आनलाइन बेचा जाता है। सोलन मंडी को ई-नाम में बेहतरीन कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सम्मानित किया जा चुका है। दूसरे स्थान पर भट्टाकुफर ढली मंडी रही है। इस मंडी में 1770 किसानों व बागवानों को 13.82 करोड़ रुपये की आनलाइन अदायगी की है। तीसरे स्थान पर पराला मंडी है। इस मंडी में 8.45 करोड़ रुपये के उत्पाद आनलाइन बेचे हैं।

चौथे स्थान पर शिमला की ढली मंडी रही है। यहां 7.76 करोड़ रुपये की आनलाइन अदायगी की गई है। इनके अलावा बदरोल मंडी में 5.12, भुंतर में 55 लाख, चंबा मंडी में 11.5 लाख रुपये की अदायगी आनलाइन की गई। हमीरपुर मंडी में 15.7 लाख, कांगड़ा मंडी में 91.57 लाख, कांगड़ा जसूर मंडी में 57.57 लाख रुपये की अदायगी आनलाइन की गई है। मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेश नरेश ठाकुर का कहना है कि प्रदेश के किसानों व बागवानों को राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।

इसलिए शुरू की गई थी ई-नाम योजना

राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम योजना वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुरू की गई थी। इस योजना को शुरू किए जाने का मुख्य उद्देश्य किसानों के उत्पादों को देशभर की मंडियों में अच्छे दाम पर बेचना है। किसानों बागवानों के साथ ठगी न हो इसलिए अदायगी आनलाइन खाते में की जाती है। मंडी में आने वाले उत्पादों की ए व बी श्रेणी में ग्रेडिंग की जाती है तथा आनलाइन देश भर की मंडियों में इसे बेचा जाता है।

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