हिमाचल के पढ़ाई में दक्ष पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का भविष्य संवारेंगे संजय पराशर, रोजगार का प्लान बनाया
Social Worker Sanjay Prashar पराशर ने अध्यापक मुकंद लाल तथा हरियाणा में एजी रमन कुमार शर्मा से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र के एक विद्यार्थी को चुने जिसे वे चितकारा यूनिवर्सिटी में अपने खर्चे पर पढ़ाएंगे। बच्चे के उज्ववल भविष्य के लिए वे सब कुछ करेंगे जो उनसे होगा।
ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। Social Worker Sanjay Prashar, मेरा धयय सर्वेभवन्तु सुखिना है तथा इसी भावना के साथ जसवां-परागपुर समेत पूरे प्रदेश की सेवा करना चाहता हूं। प्रभु कृपा से कोरोना काल में हमने हजारों लोगों तक अपनी पहुंच सेवा के ध्येय से बनाई है। कोशिश है कि हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचे तथा सभी सुखी हों। यह बात समाजसेवी तथा वीआर मेरीटाइम कंपनी के सीईओ एवं नेशनल शिपिंग बोर्ड के सदस्य संजय पराशर ने परागपुर विकास खंड की ग्रामपंचायत मूहिं के सूहिं गांव में कही। किडनी की बीमारी से जूझ रहे एक व्यक्ति का कुशलक्षेम जानने आए, पराशर ने कहा कि हम जितने मर्जी विकास और उन्नत्ति की बातें कर लें जब तक गांव का सर्वांगीण विकास नहीं होगा देश अपेक्षाकृत आगे नहीं बढ़ सकता।
उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार मिले तो गांव खुद विकास के रास्ते पर आगे निकलेंगे। हमने जमीनी स्तर पर रोजगार के लिए काम शुरू कर दिया है। जसवां परागपुर के दर्जनों युवाओं को मर्चेंट नेवी की नौकरी दिलवाई है। इस साल 500 उच्च शिक्षित युवाओं को रोजगार का टारगेट है, जिसे हम पूरी शिद्दत से पूरा करेंगे।
पराशर ने कहा कि डाडासीबा तथा रक्कड़ में हमारे कार्यालय सथानीय युवाओं के लिए नौकरी की सूचनाओं का आधार बने हैं। यह लंबा रास्ता है अतः रोजगार के लिए हमारे प्रयास निरन्तर बढ़ते जाएंगे।
पराशर ने सेना से सेवानिवृत्त अध्यापक मुकंद लाल शर्मा तथा हरियाणा सरकार में एजी रमन कुमार शर्मा से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र के एक विद्यार्थी को चुने जिसे वे चितकारा यूनिवर्सिटी में अपने खर्चे पर पढ़ाएंगे। बच्चे के उज्ववल भविष्य के लिए वे सब कुछ करेंगे जो उनसे होगा। पराशर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह शरुआत एक साल के लिए ही होगी। आने वाले 25,30 सालों तक हम अलग अलग क्षेत्रों से ऐसे बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लेंगे जो पढ़ने में दक्ष हैं। लेकिन आर्थिक मजबूरियों के कारण अपने उद्देश्य तक नहीं पहुंच पाते। पराशर ने 14 जून तक ऐसे किसी भी युवक या यूबती का नाम सुझाने का आग्रह रखा।
पराशर ने कहा कि हिमाचल में रोजगार के अवसरों के लिए उनके पास मास्टर प्लान है तथा इस प्लान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर समेत संघ के बड़े नेताओं के सामने रख चुके हैं। उम्मीद है हमारी पहल पर सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं के रोजगार के लिए पूरा प्रदेश किस तरह ओद्योगिक हव बने इसके लिए मेहनत की जरूरत है। यह मुश्किल नहीं है। केवल इच्छाशक्ति की जरूरत है जिसे हम करके दिखाएंगे। पराशर ने उनसे मिलने आए लोगों का आह्वान किया कि हम एक विज़न के साथ मैदान में हैं, जिसे पूरा किए बिना ना रुकेंगे ना थकेंगे। उन्होंने कहा कि जरूरत के समय में जब भी लोग आवाज लगाएंगे वे उनके बीच हाजिर रहेंगे।
संजय पराशर कोरोना काल में पूरे हिमाचल की आवाज बनकर उभरे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी तेज लहर के बीच लोगों को अस्पतालों में जरूरी दवाओं की कमी न हो, इसके लिए करीब 3 करोड़ की दवाईयों समेत हजारों ऑक्सीमीटर, पीपीई किट,ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर तथा राशन के रूप में राहत सामग्री लोगों के घर घर जाकर वितरित कर चुके हैं। पराशर के साथ उनकी पत्नी सोनिका पराशर भी लगातार जनसेवा में लगी हुई हैं।