छोटी काशी में पेंशन के लिए सड़क पर उतरे परिवहन पेंशनर्स, मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री के खिलाफ लगाए नारे

छोटी काशी मंडी में बुधवार को पेंशनर्स ने बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर के खिलाफ नारेबाजी की। पेंशन समय पर न मिलने और अन्य मांगें पूरी न होने पर राज्य पथ परिवहन पेंशनर्ज कल्याण संगठन के बैनर तले राज्यस्तरीय आक्रोश रैली निकाली गई।

By Virender KumarEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 06:38 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 06:38 PM (IST)
छोटी काशी में पेंशन के लिए सड़क पर उतरे परिवहन पेंशनर्स, मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री के खिलाफ लगाए नारे
छोटी काशी में पेंशन के लिए सड़क पर उतरे परिवहन पेंशनर्स। जागरण

मंडी, जागरण संवाददाता। छोटी काशी मंडी में बुधवार को पेंशनर्स ने बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर के खिलाफ नारेबाजी की। पेंशन समय पर न मिलने और अन्य मांगें पूरी न होने पर राज्य पथ परिवहन पेंशनर्ज कल्याण संगठन के बैनर तले राज्यस्तरीय आक्रोश रैली निकाली गई।

यह रैली सेरी मंच से सकोडी पुल और फिर सेरी मंच पहुंची। पेंशनर्स ने साफ कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो अब विधानसभा का घेराव करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों और अधिकारियों के घरों के बाहर परिवार सहित धरने पर बैठेंगे।

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि संगठन पिछले तीन साल से लगातार सरकार को ज्ञापन सौंप रहा है, लेकिन सरकार उनकी चुप्पी को कमजोरी समझ रही है। उन्होंने कहा कि मंडी के सेरी मंच से उनकी शुरुआत है और अब वे प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे तथा सरकार की नाकामियों को जनता के समक्ष रखेंगे।

उन्होंने कहा कि बुढ़ापे में पेंशन ही उनका सहारा है, लेकिन सरकार के अधिकारी व मंत्री इस पर कोई गौर नहीं कर रहे हैं। चार अगस्त 2021 को हुई बैठक में विधानसभा कक्ष में उन्हें आश्वासन तो दिया गया, लेकिन उसके बाद सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं आई। इससे पेंशनर्स में रोष है।

ये हैं मांगें

प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में पेंशन पहली तारीख को मिले, जुलाई 2015 से रुका डीए 159 प्रतिशत के हिसाब से दिया जाए। वर्ष 2016 से लंबित एरियर ब्याज सहित मिले, पेंशनर्स की पेंशन तथा उसके स्वजन की लटकी फाइलों को तुरंत निपटारा हो, मेडिकल बिलों के लिए आवश्यक अदान सीमा 2109 से तय हो। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनावों में भी सरकार को भुगतना होगा।

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