निखरेगा कौशल, हर महिला बनेगी लखपति
अब हिमाचल प्रदेश में स्वयं सहायता समूह की हर महिला लखपति बनेगी और उसके कौशल को निखारा जाएगा। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना से जोड़कर 40-40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला।अब हिमाचल प्रदेश में स्वयं सहायता समूह की हर महिला लखपति बनेगी और उसके कौशल को निखारा जाएगा। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना से जोड़कर 40-40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ हिमईरा के तहत बाजार उपलब्ध करवा कर उनके उत्पाद को लोगों तक पहुंचाने में मदद की जाएगी। यह वे महिलाएं हैं, जिनके परिवार की सालाना आय तीस हजार से भी कम हैं।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अब इन प्रशिक्षित महिलाओं को आर्थिक मदद मिलेगी। हिमाचल प्रदेश की स्वयं सहायता समूह के तहत आचार, चटनी व अन्य हथकरघा व हस्तशिल्प के तहत कार्य करने वाली महिलाएं उपकरण और प्रोसेङ्क्षसग के लिए आवश्यक संसाधन जुटा सकेंगी। इससे उनके आय को बढ़ाने की योजना है। ये महिलाएं स्वयं का बेहतर रोजगार कर अन्यों को भी रोजगार दे सकेंगी।
28 हजार स्वयं सहायता समूह बनाए
ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए 28 हजार स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। इनसे 2.70 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। ये बांस से बने उत्पादों के अलावा, चीड़ की पत्तियों से सजावटी सामान, हस्त शिल्प व हथकरघा उद्योग का कार्य रही हैं।
प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की एक लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना के तहत लाया जाएगा। इन महिलाओं की आय को सालाना एक लाख रुपये तक बढ़ाया जाएगा, जिससे गरीब महिलाओं का आर्थिक स्तर मजबूत हो सके।
-अनिल शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हिमाचल प्रदेश।
मुख्य बातें
-स्वयं सहायता समूह की एक लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना से जोड़ा जाएगा
-योजना में एक महिला को 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता
-स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इससे जोड़ा जाएगा
-आचार, चटनी व अन्य उत्पाद बनाने वाली महिलाओं को होगा लाभ