हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रशिक्षण पर छह करोड़ खर्च
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा है कि प्रदेश में हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम की ओर से 110 प्रशिक्षण केंद्रों पर लगभग दो हजार कारीगरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर लगभग छह करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
शाहपुर, जेएनएन। प्रदेश में हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम की ओर से 110 प्रशिक्षण केंद्रों पर लगभग दो हजार कारीगरों को विभिन्न तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर लगभग छह करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यह बात सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने आज शाहपुर के 39 मील सामुदायिक भवन में हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम शिमला के तत्वावधान में एकीकृत डिजाइन और तकनीक विकास परियोजना के तहत प्रशिक्षण केंद्र रैत द्वारा आयोजित प्रशिक्षण के समापन अवसर पर कही।
स्वरोजगार को बढ़ावा
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा दिए जा रहे इन प्रशिक्षणों का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे वोकल फॉर लोकल को फलीभूत करना है। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षणार्थी स्वरोजगार को अपनाते हुए अपने परिवार की आजीविका भी चला सकते हैं।
पारंपरिक शिल्प सहेजें
हम सब पारंपरिक शिल्प और कलाओं को भूलते जा रहे हैं जबकि इनको सहेजना हम सब की जिम्मेदारी है ताकि आने वाली पीढिय़ां भी इनसे रू-ब-रू हो सकें। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आह्वान किया कि हम सब गांव-गांव में चीड़ की पत्तियों से बने विभिन्न उत्पाद तैयार करें और स्वागत कार्यक्रम के दौरान इनका आदान-प्रदान करें। उन्होंने डिजाइनर को विभिन्न उत्पाद बनाने बारे अपने सुझाव भी दिए। इस अवसर पर उन्होंने 40 प्रशिक्षणार्थियों को 14 लाख 85 हजार का चेक दिया। यहां बता दें कि प्रत्येक प्रशिक्षु को 22 हजार 500 रुपये की धनराशि मानदेय के रूप में दी जाती है।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर एसडीएम शाहपुर मुरारी लाल, भाजपा जिला कांगड़ा के उपाध्यक्ष अश्वनी शास्त्री, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मंजीत कुमार, भाजपा मंडलाध्यक्ष प्रीतम चौधरी, महासचिव सतीश, बीडीसी चेयरमैन विजय चौधरी, सीडीपीओ अशोक शर्मा, हरबंस धीमान, अंजू ठाकुर, सीमा देवी सहित अन्य मौजूद रहे।