Fake Degree Case : एसआइटी ने जताई थी पांच से छह लाख फर्जी डिग्री होने की आशंका
प्रदेश में हुए बहुचर्चित फर्जी डिग्री घोटाले की गंूज सदन से सड़क तक पहुंच गई है। विपक्ष तो इस मामले पर सवाल उठा ही रहा है पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि आखिर इतना बड़ा घोटाला हुआ कैसे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में हुए बहुचर्चित फर्जी डिग्री घोटाले की गंूज सदन से सड़क तक पहुंच गई है। विपक्ष तो इस मामले पर सवाल उठा ही रहा है, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि आखिर इतना बड़ा घोटाला हुआ कैसे। उधर, कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने मामले की सीबीआइ जांच करवाने की मांग उठाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिमाचल का ही नहीं, देश का सबसे बड़ा डिग्री घोटाला है। यह हजारों करोड़ रुपये का घोटाला है, लेकिन ऐसा करने वालों को किसका संरक्षण था इसका अब तक की जांच से पता नहीं चल पाया है। सोलन पुलिस की एसआइटी ने पांच से छह लाख डिग्रियां फर्जी होने की आशंका जताई थी। प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। लेकिन अब सीआइडी जांच में केवल 42 हजार डिग्रियां फर्जी पाए जाने की बात साबित हुई है।
तथ्यों को दबा रही है सीआइडी
विधायक राणा ने कहा कि उन्होंने पिछले साल फरवरी में इस मुद्दे को राज्य विधानसभा में उठाया था, लेकिन तब सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने गुमनाम शिकायत को लेकर क्लीन चिट दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीआइडी इस मामले में तथ्यों को दबा रही है। गौरतलब है कि सोलन के सुल्तानपुर स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय की 42 हजार डिग्रियां फर्जी पाई जा चुकी हैं। संस्थान ने ऐसी डिग्रियां बेचकर 440 करोड़ की संपत्ति एकत्र की गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी 194 करोड़ 17 लाख का मनी लांङ्क्षड्रग का केस पकड़ चुका है। पुलिस की एसआइटी ने राजस्थान के माधव विश्वविद्यालय से 55 हार्ड डिस्क जब्त की थी, जिसके डाटा का परीक्षण हो चुका है।
मामले में तीन एफआइआर हैं दर्ज
इस मामले में सोलन के धर्मपुर में तीन एफआइआर दर्ज हैं। हरियाणा की महिला ममता की शिकायत पर एफआइआर दर्ज हुई थी। हालांकि महिला इसके खिलाफ पहले धर्मपुर व पंचकूला में मामला दर्ज था। बाद में पता चला कि उसकी डिग्री सही थी और वह आरोपित नहीं बल्कि पीडि़त थी। उसे सरकारी नौकरी से भी निलंबित किया गया था। बाद में हिमाचल पुलिस ने उसे न्याय दिलाया।
अभी और संपत्ति होगी अटैच
फर्जी डिग्री मामले में ईडी आरोपितों की कुछ और संपत्ति अटैच करेगी। फिलहाल एसआइटी मुख्य आरोपित राजकुमार राणा की पत्नी, बेटा, बेटी को आस्ट्रेलिया से लाने पर ध्यान दे रही है। राजकुमार करनाल का रहने वाला है। वह लैब टेक्नीशियन था, लेकिन बाद में पीएचडी की दो उपाधियां ले ली थी।
एसआइटी केस को दबा रही है। इसे सीबीआइ को सौंपा जाए। इस मसले पर कांग्रेस हमीरपुर में प्रदर्शन कर चुकी है। अब मामले को हम जनता की अदालत में लेकर जाएंगे। यह घोटाला हजारों करोड़ रुपये का है। असली गुनहगार अभी पकड़ से बाहर हैं। यह हम ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी कर रहे हैं। जरूरत पड़ती तो सीबीआइ जांच के आग्रह का मामला हाईकोर्ट तक ले जाएंगे।
राजेंद्र राणा, कांग्रेस विधायक, सुजानपुर