सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जाए सिगल डोनर प्रोसेस मशीन

संवाद सहयोगी ज्वालामुखी ज्वालामुखी विकास सभा महासचिव राकेश चंद्र और प्रचार सचिव रमेश चौधर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 02:46 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 02:46 AM (IST)
सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जाए सिगल डोनर प्रोसेस मशीन
सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जाए सिगल डोनर प्रोसेस मशीन

संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी : ज्वालामुखी विकास सभा महासचिव राकेश चंद्र और प्रचार सचिव रमेश चौधरी ने बताया कि सरकार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सिगल डोनर प्रोसेस मशीन जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि आज दिन तक हिमाचल में सिगल डोनर प्रोोसेस की सुविधा उपलब्ध नहीं है और मरीजों को पीजीआइ चंडीगढ़ जाना पड़ता है। सिगल डोनर प्रोसेस मशीन मरीजों में होने वाली प्लेटलेट्स जिनको शैल कहा जाता है उसकी कमी को पूरा करने में बहुत ही कारगर है। इसके द्वारा रक्तदान करने वाले के शरीर से सिर्फ प्लेटलेट्स अलग कर लिए जाते हैं और रक्त वापस रक्तदान करने वाले के शरीर में चढ़ा दिया जाता है। इसमें एक फायदा यह भी होता है कि जिस भी रक्तदानी ने आज अपने प्लेटलेट्स डोनेट किए हैं वह 15 दिन के बाद दोबारा अपने प्लेटलेट्स और 28 दिन के बाद अपना होल ब्लड डोनेट कर सकता है, जबकि एक नॉर्मल ब्लड या फिर बिना एसडीपी मशीन द्वारा डोनेट किए हुए प्लेटलेट्स वाला डोनर तीन महीने तक ब्लड नहीं दे सकता, लेकिन दुर्भाग्यवश हिमाचल के किसी भी ब्लड बैंक में यह मशीन उपलब्ध नहीं है। जहां प्लेटलेट्स बनाने के लिए दो रक्तवीरों की जोड़ी चाहिए होती है वहां पर एसडीपी मशीन से एक ही डोनर डोनेट कर सकता है। ज्वालामुखी विकास सभा ने सरकार से अनुरोध किया है कि प्रदेश हित में जल्द से जल्द हिमाचल के दो ब्लड बैंक एक मेडिकल कॉलेज टांडा और दूसरा आइजीएमसी शिमला में यह एसडीएपी मशीन जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जाए।

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