इनाम की राशि प्रभु श्रीराम के नाम, पांच साल पहले भाषण प्रतियोगिता में जीती थी राशि, पढ़ें पूरा मामला

Ram Mandir Nirman शिमला के एक किशोर ने पांच साल पहले भाषण प्रतियोगिता जीतने पर इनाम में मिले दो हजार रुपये श्री राम मंदिर के लिए दान कर दिए। शिमला निवासी सुजाय सूर्यमन ने पुरस्कार की राशि को पांच साल तक संभाल कर रखा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 11:07 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 11:07 AM (IST)
इनाम की राशि प्रभु श्रीराम के नाम, पांच साल पहले भाषण प्रतियोगिता में जीती थी राशि, पढ़ें पूरा मामला
शिमला निवासी सुजाय सूर्यमन ने इनाम में मिले दो हजार रुपये श्री राम मंदिर के लिए दान कर दिए।

शिमला, प्रकाश भारद्वाज। शिमला के एक किशोर ने पांच साल पहले भाषण प्रतियोगिता जीतने पर इनाम में मिले दो हजार रुपये श्री राम मंदिर के लिए दान कर दिए। शिमला निवासी सुजाय सूर्यमन ने पुरस्कार की राशि को पांच साल तक संभाल कर रखा। सुजाय कहते हैैं कि आठवीं कक्षा में भाषण प्रतियोगिता में जीते पुस्कार को इस नेक काम में देकर वह प्रसन्न हैैं है। इन दिनों राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी में व्यस्त 17 वर्षीय सुजाय का कहना है कि खुशी होने का यह दूसरा अवसर है। पहला जब इनाम मिला और दूसरा अब जब यह पुरस्कार श्रीराम मंदिर का अंश बनेगा।

2016 में सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की ओर से आयोजित भाषण प्रतियोगिता उन्होंने हिस्सा लिया था और प्रथम पुरस्कार के रूप में यह राशि मिल। उन्होंने पांच-पांच सौ के चार नोट सहेज कर रखे थे। बतौर सुजाय, 'जब श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान का पता चला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैं चाहता था कि यह राशि किसी नेक कार्य में उपयोग हो।' राशि संग्रहण के दौरान संघ प्रचार प्रमुख महिंद्र प्रसाद व विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री नीरज दौनेरिया भी मौजूद रहें। सुजाय के पिता शशि धीमान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में प्रोफेसर हैं।

स्वजनों ने भी दिया योगदान

सुजाय के स्वजनों ने भी मंदिर निर्माण में योगदान किया है। पिता प्रो. शशि धीमान ने एक लाख एक रुपये व सुजाय के बड़े भाई उत्कर्ष सूर्यमन ने दो सौ रुपये दिए हैं। हाल ही में उत्कर्ष बेंगलूर में बतौर साफ्टवेयर इंजीनियर नियुक्त हुए हैं ।

उम्रभर खुशी देता रहेगा यह काम

दानी छात्र सुजाय सूर्यमन का कहना है मेरे मन में कभी यह विचार नहीं आया कि इस राशि को खर्च करूं। मैं चाहता था कि यह राशि किसी नेक काम में लगे। हर किसी को श्रीराम मंदिर निर्माण निधि में योगदान करना चाहिए। यह काम उम्रभर खुशी देता रहेगा।

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