Shardiya Navratri: अष्टमी पर शक्तिपीठों में मां की जय-जयकार, कांगड़ा में श्रद्धालुओं की भीड़ भूली कोविड नियम
Shardiya Navratri 2021 अष्टमी को शक्तिपीठों में श्रद्धा का सैलाव उमड़ आया। सुबह सुबह ही कांगड़ा के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई। सुबह मां के द्वार खुलने से पहले ही श्रद्धालु मंदिरों में लाइनों में लग गए थे। सुबह-सुबह ही काफी भीड़ हो गई थी।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Shardiya Navratri 2021, अष्टमी को शक्तिपीठों में श्रद्धा का सैलाव उमड़ आया। सुबह सुबह ही कांगड़ा के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई। मां का अष्टम स्वरूप मां महागौरी है। अष्टमी को साधक को अष्टधा प्रकृति पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि और अहंकार से परे महागौरी का ध्यान करते हुए ब्रह्म से एक्य की प्रार्थना चरनी चाहिए। इस दिन को अति महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए अष्टमी में मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शनों को लेकर श्रद्धालु रात को ही ज्वालामुखी पहुंच गए थे। सुबह मां के द्वार खुलने से पहले ही श्रद्धालु मंदिरों में लाइनों में लग गए थे। सुबह-सुबह ही काफी भीड़ हो गई थी। यही हाल मां नगरकोट कांगड़े वाली माता के मंदिर में रहा।
प्रशासन के दावों की हवा सरकी, बिना मास्क पहुंच रहे श्रद्धालु
कोविड-19 नियमों की पालना का दावा करने वाले प्रशासन की हवा मंदिरों में जुटी अधिक भीड़ ने हवा सरका दी है। मंदिरों में श्रद्धालुओं की श्रद्धा का सैलाब उमड़ आया है ऐसे में भीड़ अधिक होने के कारण इंतजाम में दिक्कत हो रही है। कुछ श्रद्धालुओं ने मास्क ही नहीं पहने हैं तो कुछेक ने मास्क पहने हैं पर यह गले तक सरक गए हैं तो कुछेक के नाक के नीचे हैं। वहीं भीड़ इतनी है कि व्यक्ति से व्यक्ति टकरा रहा है। ऐसे में शारीरिक दूरी नियम व मास्क नियम की जमकर अवहेलना हो रही है। श्रद्धालुओं में महिला, पुरुषों के साथ-साथ बुजुर्ग व बच्चे भी लाइनों में हैं।
प्रशासन के दावे व्यवस्था चुस्त दुरुस्त
मंदिर प्रशासन दावे कर रहा है कि मंदिर में व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है। कांगड़ा बज्रेश्वरी के मंदिर अधिकारी दलजीत शर्मा ने बताया मंदिर में व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है। ज्वालामुखी के मंदिर सहायक आयुक्त व एसडीएम धनवीर ठाकुर ने बताया भीड़ बहुत उमड़ रही है फिर भी प्रशासन अपनी तरफ से प्रोटोकाल व नियमों की पालना को लेकर व्यवस्था बनाए हुए है। चामुंडा मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया आज 108 प्रकार के व्यंजनों का भोग मां को लग रहा है।