Shardiya Navratri: मध्‍यरात्रि हुआ मां चामुंडा का साेलह श्रृंगार, 108 व्‍यंजनों का भोग लगा

Shardiya Navratri 2020 अष्टमी मध्यरात्रि पर मां चामुंडा का विधि विधान से पूजन किया गया। माता के पुराने श्रृंगार को उतार दिया गया। पुजारी पंडित ओम व्यास तथा सहायक पुजारियों ने मां को गंगा जल से स्नान करवाने के बाद नए रूप में सोलह श्रृंगार किया।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 11:42 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 11:42 AM (IST)
Shardiya Navratri: मध्‍यरात्रि हुआ मां चामुंडा का साेलह श्रृंगार, 108 व्‍यंजनों का भोग लगा
अष्टमी मध्यरात्रि पर मां चामुंडा का विधि विधान से पूजन किया गया।

योल, सुरेश कौशल। अष्टमी मध्यरात्रि पर मां चामुंडा का विधि विधान से पूजन किया गया। माता के पुराने श्रृंगार को उतार दिया गया। पुजारी पंडित ओम व्यास तथा सहायक पुजारियों ने मां को गंगा जल से स्नान करवाने के बाद नए रूप में सोलह श्रृंगार किया। इसे निशीथ पूजा के रूप में माना जाता है ‌इस निशीथ पूजन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के शुद्ध देशी घी के108 व्यजंनों का भोग मां चामुंडा को लगाया गया। मंदिर में रातभर जागरण हुआ।

इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु मंदिर में पहुंचकर 108 व्यंजनों का प्रसाद प्राप्त करते थे। लेकिन इस बार कोरोना काल के कारण यह आयोजन बड़े स्‍तर पर नहीं किया गया। कोरोना काल के कारण अष्टमी रात्रि को निशीथ पूजन सूक्ष्म रूप में ही मनाया गया। इस आयोजन में मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा, पुजारी ओम व्यास, मुख्य यजमान हिमांशु अवस्थी, सहायक यजमान राम तथा अनुष्ठान में शामिल 21 पंडित ही शामिल हुए। इस बार सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रसाद भी नहीं बांटा गया।

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