बोले शांता कुमार, पालमपुर के वीएमआरटी में सुविधाओं में इजाफे से क्षेत्र के लाेग हाेंगे लाभान्वित

। जन सहयाेग से निर्मित विवेकानंद आर्युविज्ञान चिकित्सा संस्थान में कायाकल्प व वीएमआइ के सफल संचालन के साथ वरिष्ठ नागरिक हाेम विश्रांति का निर्माण अंतिम चरण में है। इसमें 100 वरिष्ठ नागरिकाें के ठहरने की व्यवस्था सहित चाैबीसाें घंटे सुपर स्पेशलिटी व कायाकल्प संस्थान की सुविधा उपलब्ध रहेगी

By Richa RanaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 03:48 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 03:48 PM (IST)
बोले शांता कुमार, पालमपुर के वीएमआरटी में सुविधाओं में इजाफे से क्षेत्र के लाेग हाेंगे लाभान्वित
वीएमआरटी में सुविधाओं में इजाफे से क्षेत्र के लाेग लाभान्वित होंगे।

पालमपुर,संवाद सहयोगी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वीएमआरटी के अध्यक्ष शांता कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विवेकानंद अस्पताल की स्थापना( में किए वायदे लगभग पूरे हाेने जा रहे हैं। जन सहयाेग से निर्मित

विवेकानंद आर्युविज्ञान चिकित्सा संस्थान में कायाकल्प व वीएमआइ के सफल संचालन के साथ वरिष्ठ नागरिक हाेम ,विश्रांति, का निर्माण अंतिम चरण में है। इसमें 100 वरिष्ठ नागरिकाें के ठहरने की व्यवस्था सहित चाैबीसाें

घंटे सुपर स्पेशलिटी व कायाकल्प संस्थान की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

कायाकल्प संस्थान में प्रेस वार्ता काे संबाेधित करते हुए शांता कुमार ने कहा कि विवेकानंद ट्रस्ट के तहत संचालित विवेकानंद आर्युविज्ञान चिकित्सा संस्थान ,वीएमआई, में 60 दिनाें के भीतर हृदय राेगियाें की सुविधा के लिए कैथ लैब की स्थापना कर दी जाएगी। इसकी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं हैं। यहां 90 प्रतिशत एंजियाेग्राफी व एंजियाेप्लाटिक सर्जरी की सुविधा शीघ्र मिल रही है। लाेगाें काे अब हृदय घात के लिए अन्य शहराें का रुख नहीं करना पड़ेगा। उन्हाेंने बताया कि जेपी सेवा संस्थान में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हृदय राेग विशेषज्ञ डाॅ. मनाेज लूथरा काे

निदेशक बनाया है। वहीं उन्हें वीएमआरटी की ओर से उन्हें ट्रस्टी बनाया गया है। सेना में सेवाएं प्रदान कर चुके डाॅ. लूथरा अब तक 15 हजार से अधिक हृदय राेगियाें की सर्जरी कर चुके हैं। इन्हीं की देखरेख में विवेकानंद ट्रस्ट के तहत चिकित्सालय में कैथ लैब की स्थापना की जाएगी।

ट्रस्ट की ओर से मशीनाें के आदेश दे दिए गए हैं। उन्हाेंने वीएमआरटी की बैठक में लिए इस निर्णय के लिए क्षेत्र की जनता काे बधाई दी। इसके अतिरिक्त अन्य सुविधाओं में इजाफा करते हुए वीएमआरटी में पावर ग्रिड

कार्पाेरेशन के साैजन्य से एमआरआई की स्थापना की जा रही है। वहीं प्रदेश सरकार भी इसमें सहयाेग करते हुए सीएमओ की देखरेख में इसकी स्थापना हाेगी। शांता कुमार ने कहा कि इसके अतिरिक्त संस्थान में तीसरी

बड़ी उपलब्धि कारगिल शहीद कै. साैरभ कालिया की स्मृति में नर्सिंग काॅलेज का संचालन किया जाएगा। इसकी भी लगभग सभी औपचारिक्ताएं पूरी हाे चुकी हैं। यहां क्षेत्र के बच्चाें काे नर्सिंग काेर्स की सुविधा प्रदान हाेगी। उन्हाेंने कहा कि ट्रस्ट के तहत कायाकल्प संस्थान में नेचराेपैथी व पंचकर्मा के माध्यम से इलाज सुविधा भारत में पहली बार पालमपुर में उपलब्ध है।

केंद्र में एम्स के निदेशक डाॅ. शक्ति चंद गुप्ता ने अपनी धर्मपत्नी का कायाकल्प में इलाज करवाने के बाद खूब सराहना की थी। इसके साथ ही बुजुर्गाें की देखभाल के लिए निर्माणाधीन वरिष्ठ नागरिक हाेम ,विश्रांति, का निर्माण अंतिम चरण में है। काेविड काल में देरी के बावजूद शीघ्र पूरा हाेने वाला है। उन्हाेंने बताया कि इसके लिए ओएनजीसी ने आठ कराेड़ रुपये दिए हैं वहीं सतलुज जल विद्युत निगम ,एसजेवीएन, की ओर से

एक कराेड व ट्रस्ट ने भी अधूरे निर्माण काे पूरा करने के लिए एक कराेड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसी माह की 18 तारीख काे ओएनजीसी के वरिष्ठ अधिकारियाें की टीम इसका दाैरा करने आ रही है। कुल चार कराेड़ रुपये

मिलने से शेष कार्य आसान हाे जाएगा। उन्हाेंने बताया कि बुजुर्गाें की सुविधा के लिए यहां ध्यान केंद्र सहित मंदिर का निर्माण भी करवाया जा रहा है।

हिंदी दिवस पर यह बोले शांता

हिंदी दिवस पर हिंदी काे बढ़ावा देने के प्रश्न में शांता कुमार ने दु:खी हाेकर कहा कि अंग्रेजाें काे भारत छाेड़े 75 वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन देश वासियाें के सिर से अंग्रेजी का भूत उतर नहीं पाया है। उन्हाेंने कहा कि

वह व्यक्तिगत रूप से अंग्रेजी के विराेधी नहीं हैं लेकिन हिंदु राष्ट्र बनने का अग्रसर भारत में हिंदी अपनाने वालाें की संख्या बहुत कम है। इसके लिए जनता का भरपूर सहयाेग जरूरी है। उन्हाेंने कहा कि भारत के बाजाराें

में लगभग 80 प्रतिशत साइन बाेर्ड अंग्रेजी में लिखे जा रहे हैं। हालांकि उन्हाेंने केंद्र में रहते हुए हिंदी काे कार्यालयाें में शुरू करने पर जाेर दिया व अधिकतर कार्यालयाें में कार्य हिंदी में हाे रहा है। उन्हाेंने पुरानी बात काे याद करते हुए कहा कि एक बार उन्हाेंने अंग्रेजी में आए निमंत्रण पर न जाने का विचार किया था लेकिन परिवार के दबाव में

उनका निर्णय दबा दिया गया।

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