शांता कुमार ने याद किए नाहन जेल में बिताए 19 महीने, बोले- यातनागृह न होकर एक तीर्थ स्‍थल की होती है अनुभूति

Shanta Kumar पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि उनको आपातकाल में 19 माह नाहन की जेल में बिताने पड़े। जेल यातनागृह न होकर एक तीर्थ स्थल की अनुभूति प्रदान करती है। नाहन जेल में अकसर वह एक पंक्ति कहा करते थे कि गुनाहगारों में शामिल गुनाहों में नहीं शामिल।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 07:55 AM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 07:55 AM (IST)
शांता कुमार ने याद किए नाहन जेल में बिताए 19 महीने, बोले- यातनागृह न होकर एक तीर्थ स्‍थल की होती है अनुभूति
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि उनको आपातकाल में 19 माह नाहन की जेल में बिताने पड़े।

शिमला, जागरण संवाददाता। Shanta Kumar, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि उनको आपातकाल में 19 माह नाहन की जेल में बिताने पड़े। उनके लिए नाहन जेल यातनागृह न होकर एक तीर्थ स्थल की अनुभूति प्रदान करती है। नाहन जेल में अकसर वह एक पंक्ति कहा करते थे कि 'गुनाहगारों में शामिल गुनाहों में नहीं शामिल'। नाहन जेल में उनको वेदांत, विवेकानंद और ओशो की पुस्तकों को पढऩे का मौका मिला। विश्व संवाद केंद्र शिमला और दीनदयाल उपाध्याय पीठ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़े शांता कुमार ने कहा कि 46 वर्ष पहले 25 जून की काली रात को कभी नहीं भूल सकते। केवल एक नेता की कुर्सी चले जाने पर आपातकाल लागू कर दिया गया। इस दौरान पूरे देश को जेल में बदल दिया गया और संविधान समाप्त करके समस्त नागरिक अधिकार समाप्त कर दिए गए।

लोकतंत्र प्रहरी एवं राष्ट्रीय सिख संगत के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री अविनाश जायसवाल ने कहा कि उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल संभाग में वे प्रचारक थे। उनके लिए आपातकाल का अनुभव जानकारी से परिपूर्ण और प्रेरक रहा है। कुल्लू से जुड़े लोकतंत्र प्रहरी टेकचंद ने बताया कि आपातकाल के दौरान सत्याग्रहियों पर अत्याचार किए गए। विश्व संवाद केंद्र शिमला न्यास के अध्यक्ष प्रो. नरेंद्र कुमार शारदा ने सभी वक्ताओं, लोकतंत्र प्रहरियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।

कांग्रेस आज खुद आपातकाल में : भाजपा

रोहड़ू। भाजपा महासू जिलाध्यक्ष अजय श्याम और जिला प्रवक्ता उमेश शर्मा ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाया था, आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काले धब्बे की तरह है। उन्होंने कहा कि आपातकाल का नतीजा यह है कि कभी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस आज खुद आपातकाल में है और कांग्रेस पार्टी का तानाशाही रवैया कांग्रेस के सबसे बड़े पतन का कारण है।

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