क्षेत्रफल में दूसरे बड़े संसदीय क्षेत्र मंडी में मात्र पांच फीसद मतों की लड़ाई लड़ते हैं निर्दलीय, दो दलों का ही वर्चस्‍व

Mandi By Election 2021 देश के दूसरे सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र मंडी में भाजपा कांग्रेस को छोड़ अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय प्रत्याशी मात्र पांच फीसद मतों की लड़ाई लड़ते हैं। दोनों प्रमुख दलों को छोड़कर माकपा आप व अन्य दल यहां अपनी पैठ नहीं बना पाए हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:52 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:52 AM (IST)
क्षेत्रफल में दूसरे बड़े संसदीय क्षेत्र मंडी में मात्र पांच फीसद मतों की लड़ाई लड़ते हैं निर्दलीय, दो दलों का ही वर्चस्‍व
मंडी में भाजपा, कांग्रेस को छोड़ अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय प्रत्याशी मात्र पांच फीसद मतों की लड़ाई लड़ते हैं।

मंडी, हंसराज सैनी। Mandi By Election 2021, क्षेत्रफल के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र मंडी में भाजपा, कांग्रेस को छोड़ अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय प्रत्याशी मात्र पांच फीसद मतों की लड़ाई लड़ते हैं। दोनों प्रमुख दलों को छोड़कर माकपा, आप व अन्य दल यहां अपनी पैठ नहीं बना पाए हैं। क्षेत्र के मतदाताओं ने भी निर्दलीय व अन्य दलों को यहां कोई भाव नहीं दिया है। कुछ लोग तो अपना शौक पूरा करने के लिए यहां चुनावी दंगल में उतरते हैं। वर्ष 1951 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय काहन सिंह को 10.89, 1957 में आनंद चंद को सर्वाधिक 36.53 फीसद व 1967 में डीएस राणा को 22.18 फीसद मत मिले थे। इन तीन चुनावों के बाद यहां निर्दलीय व अन्य दलों का खेल पांच फीसद तक सिमट कर रह गया है।

माकपा ने भी यहां कई चुनावों में अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन तीसरा विकल्प पेश नहीं कर सकी। पिछले तीन चुनावों में माकपा को यहां 1.58 से 2.89 फीसद मतों से ही संतोष करना पड़ा है। वर्ष 2009 में हुए चुनाव में डाक्‍टर ओंकार शाद को 2.89, 2014 में कुशाल भारद्वाज को 1.92 व 2019 के लोकसभा चुनाव में दलीप सिंह कैथ को 1.58 फीसद मतों से ही संतोष करना पड़ा था।

माकपा ने उपचुनाव में इस बार अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। समाजवादी पार्टी, बसपा, जनता दल व आप ने यहां कई चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे लेेकिन उनकी झोली में मात्र एक से डेढ़ फीसद वोट ही आए। नोटा को भी क्षेत्र के मतदाताओं ने नापसंद किया है। वर्ष 2014 के चुनाव में 0.85 व 2019 में 0.58 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था। वर्ष 2019 के चुनाव में 17 उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा, कांग्रेस, आठ क्षेत्रीय व राष्ट्रीय दलों के अलावा सात निर्दलीय प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई थी। भाजपा के रामस्वरूप शर्मा को 68.62 व कांग्रेस के आश्रय शर्मा को 25.63 फीसद मत मिले थे। आठ अन्य दलों व सात निर्दलीय के हिस्से मात्र 5.75 फीसद मत आए थे।

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