हिमाचल में 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे स्कूल, मंत्रिमंडल की बैठक में होगा फैसला

हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों में कमी आने के बावजूद राज्य सरकार स्कूलों को खोलने का खतरा नहीं उठाना चाहती। पहले चरण में केवल बोर्ड कक्षाओं यानी दसवीं और 12वीं के बच्चों के लिए ही स्कूल खोले जाएंगे।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 07:54 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 07:54 PM (IST)
हिमाचल में 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे स्कूल, मंत्रिमंडल की बैठक में होगा फैसला
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों में कमी आने के बावजूद राज्य सरकार स्कूलों को खोलने का खतरा नहीं उठाना चाहती। पहले चरण में केवल बोर्ड कक्षाओं यानी दसवीं और 12वीं के बच्चों के लिए ही स्कूल खोले जाएंगे। इन कक्षाओं के लिए परामर्श के लिए अभिभावकों को स्कूल बुलाया जाएगा।

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सोमवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में इस मसले पर चर्चा होगी। केवल दसवीं और 12वीं के बच्चों को स्कूल बुलाने पर विचार चल रहा है। शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि आनलाइन पढ़ाई को ज्यादा व्यावहारिक बनाएं। विभाग ने शिक्षकों, गैर शिक्षकों और बच्चों के लिए वैक्सीनेशन का कार्य शुरू किया है। इनमें 95 फीसद को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। प्रदेश में इस साल वोकेशनल स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा प्री प्राइमरी के स्टाफ की नियुक्ति के लिए भर्ती नियम तैयार किए जा रहे हैं। जल्द ही इन नियमों को फाइनल कर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

निजी स्कूलों पर लगाम के लिए बिल को दे रहे अंतिम रूप

निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए तैयार किए गए बिल को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसको लेकर प्रदेशभर से सुझाव आए हैं। बिल के प्रारूप को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे विधानसभा के सत्र में लाने पर अभी विचार चल रहा है।

10वीं व जमा दो के विद्यार्थियों को किया था प्रमोट

कोरोना के कारण पिछले दो साल से स्कूलों में नियमित पढ़ाई नहीं हो रही। कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रदेश में दसवीं व जमा दो की बोर्ड परीक्षाओं का संचालन नहीं हो पाया था। एक पेपर होने के बाद परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं। बाद में प्रदेश सरकार ने इन दोनों बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला लिया था। इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड को फार्मूला तैयार करने का जिम्मा सरकार ने सौंपा था।

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