सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल ने किया उपचुनाव बहिष्कार का आह्वान, कहा, नोटा का करें प्रयोग
हिमाचल व केंद्र सरकार की ओर से सामान्य वर्ग के हितों की अनदेखी करने तथा वर्ग विशेष की तुष्टीकरण की आड़ में सामान्य वर्ग के लोगों विशेषकर युवा वर्ग को प्रताड़ित करने के विरोध में नोटा का प्रयोग करने का निर्णय लिया।
पालमपुर, संवाद सहयाेगी। सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल प्रदेश में होने वाले लोकसभा व विधानसभा के उपचुनाव के बहिष्कार स्वरूप नोटा का प्रयोग करने का आह्वान किया। मंच के प्रदेश अध्यक्ष केएस जंबाल, वरिष्ठ
उपप्रधान अमर सिंह गुलेरिया ने संयुक्त बयान में कहा कि हिमाचल व केंद्र सरकार की ओर से सामान्य वर्ग के हितों की अनदेखी करने तथा वर्ग विशेष की तुष्टीकरण की आड़ में सामान्य वर्ग के लोगों विशेषकर युवा वर्ग को
प्रताड़ित करने के विरोध में नोटा का प्रयोग करने का निर्णय लिया।
यही नहीं हिमाचल की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों, बीजेपी व कांग्रेस दोनों ने सामान्य वर्ग के लोगों में विशेषकर युवाओं में व्यापक आक्रोश को गंभीरता से नहीं लिया है। केवल विक्रमादित्य सिंह विधायक ने विधानसभा में
व्यक्तिगत रूप से हमारे स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर प्रस्ताव रखा, मगर बाकी किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इन पार्टियों के चुने हुए प्रतिनिधियों ने सामान्य वर्ग के न्याय व अन्य मौलिक अधिकारों पर हो रहे
कुठाराघात को लेकर चुप्पी साधने पर संयुक्त मंच के संगठनों ने उन्हें इन उप चुनावों में सबक सिखाने का मन बना लिया है।
संयुक्त मंच के प्रदेश अध्यक्ष के एस जम्वाल तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर सिंह गुलेरिया ने संयुक्त वक्तव्य में अपने सामान्य वर्ग के लोगों विशेषकर युवाओं व महिला वर्ग का आह्वान किया कि वे इस चुनाव के समय में
जो भी राजनीतिक पार्टियों के लोग या स्वयं प्रत्याशी उनके क्षेत्र में वोट मांगने आते हैं तो उन्हें सामान्य वर्ग के लिए स्वर्ण आयोग के गठन पर टाल मटोल तथा अन्य चीर लंबित समस्याओं की पूर्ण रूप से अनदेखी करने पर
सवाल पूछें और उन्हें कटघरे में खड़ा करने से न हिचकिचाए और अपनी एकजुटता दिखाकर विरोध स्वरूप दबाव बनाने के लिए इन चुनावों का बहिष्कार करने हेतू"नोटा" का बटन दबाएं।
ताकि आने वाले समय में हम अपने सामान्य वर्ग के मौलिक अधिकारों तथा युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ हो रहे इस प्रकार के खिलवाड़ होने से बच सकें। इसी के साथ सभी ग्राम स्तर तक की इकाइयों को नुक्कड़ सभाओं का आयोजन करके सामान्य वर्ग के लोगों विशेषकर युवाओं व महिला वर्ग, स्कूलों- महाविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं तथा सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारी वर्ग को जागरूक करने का भी आहवान करने का निर्णय लिया गया।