संयुक्त किसान मोर्चा बागवानों की समस्‍याओं पर शिमला में बनाएगा रणनीति, इन मुद्दों पर है सरकार से नाराजगी

Sanyukt Kisan Morcha संयुक्त किसान मोर्चा की 19 अक्टूबर को शिमला में बैठक होगी। इनमें सेब बागवान भाग लेंगे। मंच के बैनर तले बागवान पिछले दो महीनों से आंदोलन की राह पर हैं लेकिन अभी सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाए हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:42 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:42 AM (IST)
संयुक्त किसान मोर्चा बागवानों की समस्‍याओं पर शिमला में बनाएगा रणनीति, इन मुद्दों पर है सरकार से नाराजगी
संयुक्त किसान मोर्चा की 19 अक्टूबर को शिमला में बैठक होगी।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Sanyukt Kisan Morcha, संयुक्त किसान मोर्चा की 19 अक्टूबर को शिमला में बैठक होगी। इनमें सेब बागवान भाग लेंगे। मंच के बैनर तले बागवान पिछले दो महीनों से आंदोलन की राह पर हैं, लेकिन अभी सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाए हैं। मोर्चा सेब की अर्थव्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों पर बागवानों को संगठित करने का काम कर रहा है। मोर्चा के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि सरकार बागवानों के मसलों पर असंवेदनशील रवैया अपना रही है। अगर सरकार संवेदनशील होती तो कम से कम वार्ता के लिए बुलाती। संवाद से मसलों को सुलझाया जा सकता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि एपीएमसी एक्ट को लागू नहीं किया जा रहा है। इसलिए एसआइटी की जरूरत पड़ी। बागवानों का कहना है कि उन्हें न तो स्प्रे दवा मिल पा रही है और न ही खाद। इन सब मुद्दों पर बैठक में चर्चा होगी। बैठक में अगली रणनीति तैयार की जाएगी। चौहान ने कहा कि मोर्चा गैर राजनैतिक संगठन है। इनमें किसी भी विचारधारा से जुड़ा बागवान, किसान भाग ले सकता है। उन्होंने इस बात पर रोष जताया कि बागवानी मंत्री ने भी अभी तक उनके साथ वार्ता नहीं की है। उन्होंने कहा कि आज बागवानों को संगठित होकर अपने हितों की लड़ाई खुद लडऩी होगी।

किसान सभा ने सराहा धान खरीद का फैसला

शिमला। हिमाचल किसान सभा ने कांगड़ा जिला के फतेहपुर के रियाली व इंदौरा के त्योड़ा सहित ऊना, पांवटा और नालागढ़ में भारतीय खाद्य निगम की ओर से खरीद केंद्रों में धान की खरीद शुरू करने का स्वागत किया है। सभा के राज्य अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि पहली बार प्रदेश में धान की खरीद शुरू हुई है।  इसके लिए मंड किसान संयुक्त संघर्ष समिति फतेहपुर-इंदौरा, जिला कांगड़ा सहित फतेहपुर और इंदौरा के किसान बधाई के पात्र हैं। गत 20 सितंबर को रियाली के मैदान में किसानों ने जिस तरह से एकजुटता दिखाते हुए मंड किसान संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया और संघर्ष जारी रखा। उसी का नतीजा है कि खरीद शुरू हुई है।

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