संयुक्त किसान मंच आज शिमला में बनाएगा आंदोलन की रणनीति, दो महीने से आंदोलन की राह पर हैं बागवान
Sanyukt Kisan Manch संयुक्त किसान मंच की आज शिमला में बैठक होगी। यह बैठक दोपहर के वक्त आरंभ होगी। इनमें सेब बागवान भाग लेंगे। मंच के बैनर तले बागवान पिछले दो महीनों से आंदोलन की राह पर हैं। लेकिन अभी सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाए गए हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Sanyukt Kisan Manch, संयुक्त किसान मंच की आज शिमला में बैठक होगी। यह बैठक दोपहर के वक्त आरंभ होगी। इनमें सेब बागवान भाग लेंगे। मंच के बैनर तले बागवान पिछले दो महीनों से आंदोलन की राह पर हैं। लेकिन अभी सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाए गए हैं। मंच सेब की अर्थव्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों पर बागवानों को संगठित करने का काम कर रहा है। मोर्चा के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि बैठक शिमला के रोटरी क्लब में होगी। इसके लिए बागवान जुटने आरंभ हो गए हैं। सरकार बागवानों के मसलों पर असंवेदनशील रवैया अपना रही है। अगर सरकार संवेदनशील होती तो कम से कम वार्ता के लिए बुलाती। संवाद से मसलों को सुलझाया जा सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एपीएमसी एक्ट को लागू नहीं किया जा रहा है। इसलिए एसआइटी की जरूरत पड़ी। बागवानों का कहना है कि उन्हें न तो स्प्रे दवाएं मिल पा रही है और न ही खाद। इन सब मुद्दों पर बैठक में चर्चा होगी। बैठक में अगली रणनीति तैयार की जाएगी। चाैहान ने कहा कि मोर्चा गैर राजनैतिक संगठन है। इनमें किसी भी विचारधारा से जुड़ा बागवान, किसान भाग ले सकता है।
उन्होंने इस बात पर रोष जताया कि बागवानी मंत्री ने भी अभी तक उनके साथ वार्ता नहीं की है। उन्होंने कहा कि आज बागवानों को संगठित होकर अपने हितों की लड़ाई खुद लड़नी होगी। चौहान ने कहा कि बैठकों का दौरा अब पूरा हो चुका है। सेब सीजन समाप्त होने वाला है, लेकिन बागवानों के मुद्दे जस के तस है।
बागवानी मंत्री ने जरा भी संवेदनशीलता नहीं दिखाई। जबकि प्रदेश में पांच हजार करोड़ की सेब आर्थिकी है। सेब प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोगों को रोजगार देता है। बावजूद इसके बागवानी सेक्टर की अनदेखी चिंताजनक है। इन सब मुद्दों पर बैठक में चर्चा होगी और आंदोलन की अगली रणनीति तैयार की जाएगी।