छात्र की फीस और बीमार के उपचार का खर्च उठाया संजय पराशर ने

समाज के असहाय वर्ग की मदद के लिए समाजसेवी नेशनल शिङ्क्षपग बोर्ड के सदस्य और वीआर मेरीटाइम कंपनी के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर के प्रयास लगातार जारी हैं। आर्थिक रूप से अक्षम बच्चों को शिक्षा मिले और कोई बीमार पैसे के अभाव में इलाज से बंचित न रह जाएं।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 08:56 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 08:56 PM (IST)
छात्र की फीस और बीमार के उपचार का खर्च उठाया संजय पराशर ने
मोक्षधाम के कार्यों का जायजा लेते कैप्टन संजय पराशर। जागरण

चिंतपूर्णी, संवाद सहयोगी । समाज के असहाय वर्ग की मदद के लिए समाजसेवी, नेशनल शिङ्क्षपग बोर्ड के सदस्य और वीआर मेरीटाइम कंपनी के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर के प्रयास लगातार जारी हैं। पढ़ाई में अव्वल लेकिन आर्थिक रूप से अक्षम बच्चों को शिक्षा मिले और कोई बीमार पैसे के अभाव में इलाज से बंचित न रह जाएं, इसी सोच को ध्यान में रखते हुए पराशर समाज कल्याण में योगदान अपने निजी संसाधनों से दे रहे हैं।

जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के लोअर भलवाल पंचायत के वार्ड नम्बर पांच के अक्षित चौधरी को संजय पराशर ने स्कॉलरशिप दी है। अक्षित बी-फार्मेसी का विद्यार्थी है और कुछ दिन पहले उसके पिता का बीमारी के कारण देहांत हो गया। ऐसे में वह पढ़ाई का खर्च उठा पाने में असमर्थ था। गांव वासियों ने भी उसकी फीस के लिए कुछ पैसा एकत्रित किया, लेकिन सेमेस्टर की फीस पूरी नहीं हो पा रही थी। जब यह बात कैप्टन संजय पराशर तक पहुंची तो उन्होंने छात्र अक्षित की फीस का जिम्मा उठा लिया। पराशर ने पहली किस्त चौधरी को दे दी है और कुल 33 हजार रुपये की राशि तीन महीनों में स्कालरशिप के रूप में इस विद्यार्थी को प्रदान की जाएगी। अक्षित ने बताया कि पिता के निधन के बाद उसे लग रहा था कि वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएगा, लेेकिन संजय पराशर ने उसका भविष्य सुरक्षित कर दिया है और इसके लिए वह उनका आजीवन आभारी रहेगा। वहीं, डाडासीबा निवासी सौरभ जिसकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार है और उसका इलाज होशियारपुर स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा है, को भी संजय पराशर ने इलाज के लिए शनिवार को पंद्रह हजार रूपए दिए। पराशर ने तीन पंचायतों जंबल, बस्सी और बड्डल में निर्माणाधीन मोक्ष धाम के लिए भी चालीस हजार रूपए दिए हैं। स्थनीय वासियों राज कुमार, कर्म चंद, सुभाष चंद पटियाल, गुलजारी लाल, केहर ङ्क्षसह, शंभू दास और किशोरी लाल ने बताया कि पराशर समाजसेवा में निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भी उन्होंने समाज के लिए दवाईयों व मेडीकल उपकरणों के रूप में बड़ा योगदान दिया और अब भी गांवों में कई विकास कार्यों को अपने खर्च से करवा रहे हैं। संजय पराशर का कहना था कि अगर उनके प्रयासों से कोई बच्चा पढ़कर कामयाब हो जाए या फिर किसी बीमार का स्वास्थ्य ठीक हो जाए तो इससे बड़ा तीर्थ और नहीं हो सकता है।

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