समाजसेवा के साथ डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा देते हैं संजय पराशर

पीएम नरेन्द्र मोदी की ओर से नकदी के कम इस्तेमाल वाली अर्थव्यस्था के अभियान को कैप्टन संजय पराशर ने भी धरातल पर उतारा है। डिजिटल भुगतान के तहत ही पराशर सामाजिक सरोकारों में अपना योगदान दे रहे हैं।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 05:25 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 05:25 PM (IST)
समाजसेवा के साथ डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा देते हैं संजय पराशर
समाजसेवा के साथ डिजिटल भुगतान को भी बढ़ावा देते हैं संजय पराशर। जागरण आर्काइव

जेएनएन, ि‍ंचतपूर्णी/डाडासीबा। पीएम नरेन्द्र मोदी की ओर से नकदी के कम इस्तेमाल वाली अर्थव्यस्था के अभियान को कैप्टन संजय पराशर ने भी धरातल पर उतारा है। डिजिटल भुगतान के तहत ही पराशर सामाजिक सरोकारों में अपना योगदान दे रहे हैं। चाहे 100 रुपये का भुगतान करना हो या फिर लाखों का चैरिटी फंड कहीं देना हो, पराशर चेक के माध्यम या इंटरनेट बैंकिंग से ही राशि खर्च करते हैं।

समाजसेवा के कार्य को पराशर पूरी पारदर्शिता के साथ कर रहे हैं। 2011 से ही कैप्टन संजय ने बैंक के चेक के माध्यम से ही काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के बाद उन्होंने पूरी तरह से डिजिटल भुगतान करना शुरू कर दिया। उन्होंने पिछले दो वर्ष में पीएम केयर्स फंड, सीएम रिलीफ फंड, कोरोना की दूसरी लहर में दवा व मेडिकल उपकरण, स्कूल व कालेजों के भवन निर्माण, धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार, खेल मैदानों के निर्माण और विद्यार्थियों को स्कालरशिप की करोड़ों रुपये की राशि खर्च की, लेकिन सभी जगहों पर राशि चेक के द्वारा ही दी गई।

देश की नामी शिङ्क्षपग कंपनी के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय की जेब में कभी भी दो हजार रुपये से ज्यादा की राशि नहीं होती है। इस कारण कई बार उन्हें दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है, बावजूद इसके वह डिजिटल भुगतान को ही तरजीह देते हैं।

संजय पराशर का कहना है कि वह पिछले कई वर्ष से इसी तरह कंपनी और खुद के कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जो डिजिटल इंडिया का सपना देखा था, उसके बाद यह संकल्प ले लिया था। इसके अलावा डिजिटल इंडिया अभियान के तहत वह ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी शुरू कर चुके हैं, जिसके तहत जसवां-परागपुर क्षेत्र के मेहड़ा में मुफ्त कंप्यूटर सेंटर खोला जा चुका है।

संजय अकेले अपने दम पर करोड़ों रुपये सामाजिक कार्यों पर खर्च कर रहे हैं। मुंबई में वह समुद्री सुरक्षा से लेकर स्थानीय सरोकारों में व्यक्तिगत रूप से बड़ी भूमिका निभाते रहे तो हिमाचल में कोरोनाकाल में करोड़ों रुपये की दवा और मेडिकल उपकरणों पर उन्होंने राशि खर्च की।

संजय पराशर का कहना है कि उन्होंने बहुत पहले ही तय कर लिया था कि वह अपनी ही नेक कमाई का कुछ अंश समाजसेवा के कार्यों पर खर्च करेंगे। परमात्मा की कृपा से मानवता की सेवा करने का मौका मिला है तो वह ये कार्य कर रहे हैं।

chat bot
आपका साथी