एक ही जमीन के तीन तरह के दाम देने पर आक्रोश
संवाद सहयोगी जसूर फोरलेन संघर्ष समिति ने एक ही जमीन के तीन तरह के दाम देने पर भू-मुआव
संवाद सहयोगी, जसूर : फोरलेन संघर्ष समिति ने एक ही जमीन के तीन तरह के दाम देने पर भू-मुआवजा अधिकारी कार्यालय की कार्यप्रणाली पर असंतोष जाहिर किया गया है। जसूर में आयोजित फोरलेन संघर्ष समिति की बैठक के उपरांत समिति के अध्यक्ष दरबारी सिंह व महासचिव विजय सिंह हीर ने बताया कि एक ही स्थान पर स्थित जमीन के लिए एक बार आठ लाख प्रति कनाल से तो दूसरी बार 42 लाख की दर से विभिन्न किस्तों में मुआवजा बांट दिया गया है।
समिति के सदस्य व अन्य प्रभावित लोग इस बात का भू मुआवजा अधिकारी कार्यालय से स्पष्टीकरण चाहते हैं कि एक समान जमीन के लिए एक ही रेट की दर न देकर अलग-अलग दाम किस आधार पर तय किए गए है, जिसके चलते फोरलेन प्रभावित लोगों में असमंजस है।
वहीं समिति के पदाधिकारियों सुदर्शन शर्मा, सुभाष पठानिया, सुखदेव गुलेरिया का कहना है कि नूरपुर स्थित भू मुआवजा सक्षम अधिकारी की ओर से गत माह पहले अवार्ड घोषित करने के बावजूद यह अवार्ड पत्र अभी तक संबंधित लोगों को प्राप्त नहीं हुए हैं, जिस कारण प्रभावित लोग मुआवजा संबंधी कई बातों से अनभिज्ञ है। इनमें कई लोग यह जानते भी नहीं है कि उनका मुआवजा उनकी कितनी जमीन का तथा किस दर से दिया जाएगा। इसलिए विभाग प्रत्येक व्यक्ति को उसके घर के पते पर उसके दिए गए अवार्ड की प्रतिलिपि भेजना सुनिश्चित करें। समिति के अन्य पदाधिकारी राम चंद्र शास्त्री, ईश्वर शर्मा, जुगल किशोर, भारत भूषण बक्शी का कहना है कि उनकी भूमि पर बने भवनों के मुआवजे को भी सरकार स्पष्ट तौर पर बताए कि किस नियम के तहत इनके दाम दिए जा रहे हैं।
उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक यह मुआवजा अधिनियम 2013 को छोड़कर किसी अन्य नियम के आधार पर सरकार देने की तैयारी कर रही है, जिसके चलते प्रभावित लोगों के भवनों के दाम कौड़ियों के भाव ही रह जाएंगे। इन लोगों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक भवनों के मुआवजे की उचित दर पर अदायगी नहीं हो जाती, प्रभावित लोग अपनी भूमि तथा भवनों का अधिग्रहण सरकार को नहीं करने देंगे।
उधर, भू अर्जन अधिकारी व एसडीएम नूरपुर डा. सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि नेशनल हाईवे अथारिटी के तहत प्रोजेक्ट डायरेक्टर की ओर से जिस प्रकार रिकार्ड दिया गया है, उसी प्रकार दो विभिन्न अवार्ड अभी दिए गए हैं। मुआवजे की राशि प्रति राजस्व मुहाल के हिसाब से दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अवार्ड का विवरण विभाग के कार्यालय से संबंधित व्यक्ति प्राप्त कर सकते हैं तथा अवार्ड लेटर की प्रतिलिपि के लिए आवेदन कर सकते हैं। इमारतों के मुआवजे को एनएचएआइ अपने स्टाफ की ओर से बनाई गई रिपोर्ट के आधार पर देगा तथा उसमें भवन या परिसर के निर्माण की अवधि मुख्य आधार रहेगी।