सिरमौर में एनएच 707 पर टूटा आफत का पहाड़, अब अतिरिक्त दाम देकर फसल मंडी तक पहुंचाएंगे किसान
सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र कहे जाने वाले शुक्रवार को पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरे पहाड़ से जीवनरेखा ही बंद हो गई। बड़वास के पास सड़क पर गिरा पहाड़ वास्तव में किसानों और बागवानों पर भी गिरा है। किसानों को नकदी फसल अब दोगुने दाम में मंडियों तक पहुंचानी होंगी।
नाहन, जागरण संवाददाता। जिला सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र कहे जाने वाले शुक्रवार को पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरे पहाड़ से जीवनरेखा ही बंद हो गई। बड़वास के पास सड़क पर गिरा पहाड़ वास्तव में किसानों और बागवानों पर भी गिरा है। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त होने के बाद क्षेत्र के किसानों को अपनी नकदी फसल अब दोगुने दाम में मंडियों तक पहुंचानी होंगी। क्योंकि इन दिनों शिलाई विधानसभा क्षेत्र में टमाटर, गोभी, फ्रांसबीन, शिमला मिर्च जैसी नकदी फसलें हो रही हैं।
किसान इन फसलों को पांवटा साहिब होते हुए देहरादून, यमुनानगर, लाडलू, हिसार व दिल्ली भेजते हैं। भूस्खलन से डेढ़ सौ मीटर रोड क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र के ट्रांसपोर्टरों को करीब 15 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना होगा। उसके बाद वह दोबारा से एनएच 707 पर आकर अपने गंतव्य की ओर अग्रसर होंगे। विदित रहे कि जिला सिरमौर का शिलाई विधानसभा क्षेत्र दुर्गम तथा पिछड़ा होने के साथ-साथ इस क्षेत्र में किसान और बागवान अधिक है तथा यहां के कुछ लोग बाहरी जिलों तथा बाहरी राज्यों में मजबूरी भी करते हैं। सड़क बंद होने से जहां लोगों की आवाजाही पर असर पड़ेगा।
वहीं उन्हें 15 किलोमीटर का अतिरिक्त बस किराया भी चुकाना होगा। शिलाई विधानसभा क्षेत्र में जिला प्रशासन ने जो वैकल्पिक मार्ग सुझाया है, वह काफी तंग है तथा उस वैकल्पिक मार्ग में भी जगह-जगह भूस्खलन का खतरा हो सकता है।राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पांवटा से हाटकोटी जाने वाले वैकल्पिक मार्ग का करें इस्तेमाल : रामकुमार गौतम उधर, पांवटा साहिब से शिलाई-हाटकोटी जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 707 को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। उपायुक्त राम कुमार गौतम ने बताया कि सतौन से कमरउ व शिलाई-हाटकोटी की तरफ जाने के लिए पांवटा साहिब से वैकल्पिक सडक मार्ग कफोटा-वाया जाखना जोंग-किलौर का इस्तेमाल कर सकते हैं। उपायुक्त सिरमौर ने बताया कि इस भूस्खलन में किसी भी प्रकार की जान माल की हानि नहीं हुई है।
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पांवटा साहिब व शिलाई के अधिकारियों से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया और पुलिस विभाग को भूस्खलन की जगह के दोनों तरफ 200-200 मीटर पहले बैरिकेड्स लगाने के आदेश जारी किए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोका जा सके। इसके अतिरिक्त पांवटा साहिब मुख्य मार्ग से शिलाई की तरफ जाने वाली सड़क पर लोगों को सचेत करने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने के आदेश जारी किए हैं। उपायुक्त ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में लगी कंपनी को आगामी तीन से चार दिनों में इस सड़क मार्ग तैयार करने के आदेश जारी किए।
इसके अतिरिक्त उपमंडल अधिकारी पांवटा साहिब व उपमंडल अधिकारी शिलाई को इस राष्ट्रीय राजमार्ग में संभावित दुर्घटना स्थल तलाशने व उन दुर्घटना स्थलों में कंपनी की तरफ से लोगों को तैनात करने के आदेश दिए, ताकि वह मार्ग पर चल रहे लोगों को भूस्खलन से सचेत कर सके और किसी भी दुर्घटना की संभावना को रोका जा सके। उन्होंने पुलिस विभाग को वैकल्पिक मार्ग पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए, ताकि इस सड़क पर जाम न लगे।अधिकारियों को बिजली व पानी की व्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
बीते चार दिनों में पांच करोड़ का नुकसान
जिला सिरमौर में पिछले 4 दिनों से हुई बारिश से लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे ओर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को करीब 10 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे अधिक नुकसान नेशनल हाईवे का हुआ है, पिछले 4 दिनों में नेशनल हाईवे को 5 करोड़ के आसपास का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि कमरऊ व बड़वास के आसपास तथा के इलाकों में हाईवे की दलदल वाली जमीन होने से कई बार पहले भी पूरा का पूरा पहाड़ ढह चुका है। जैसे ही पहाड़ में हल्की-हल्की दरारें आने लगी, तो लोगों ने अपने वाहन रोक लिए, भूस्खलन से बचने के लिए दोनों तरफ वाहनों को रोक दिया गया। जिससे जान-माल की तो कोई क्षति नहीं हुई।
अब भी हल्का भूस्खलन तथा पहाड़ से पत्थर गिरने का क्रम जारी है। नेशनल हाईवे नाहन सराहां कुमारहट्टी पर लगातार पत्थर गिरने भूस्खलन होने से एनएच काफी क्षतिग्रस्त हुआ है। वही पौंटा साहिब शिलाई नेशनल हाईवे पर भी जगह-जगह मलबा व पत्थर गिरने से हाईवे क्षति क्षतिग्रस्त हो रहा है। पावटा शिलाई हाटकोटी नेशनल हाईवे पर निर्माण कार्य के चलते जहां पर नई कटिंग हुई है, वहां पर काफी मात्रा में मलबा पहाड़ से सड़क पर आ रहा है। जिसके चलते वाहन चालकों को वाहन चलाने में समस्या हो रही है, साथ ही हर समय पहाड़ से गिरने वाले मलबे से हादसा होने का भी खतरा लगातार बना हुआ है।
जिला सिरमौर में लगातार हो रही बारिश से यमुना नदी व गिरी नदी का जलस्तर काफी बढ़ चुका है। यमुना खतरे के निशान के समीप पहुंचने वाले हैं। इसके साथ ही श्री रेणुका जी के समीप जटोन डेम के फाटक भी कुछ समय के खोल दिए गए थे, क्योंकि बांध में पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों से नदी नालों से दूर रहने का आग्रह किया है।