Roadmap Against Jaundice: पीलिया व अन्य जल जनित रोगों से छुटकारे के लिए रोडमैप तैयार

Roadmap Against Jaundice प्रदेश के शहरों व उपनगरों में रहने वाले लोगों को खुले में सीवरेज के बहने के कारण अब पीलिया का शिकार नहीं होना पड़ेगा। इसमें प्रमुख कारण सीवरेज का गंदा पानी किसी न किसी तौर पर पीने के पानी में मिल कर बीमार कर रहा है।

By Virender KumarEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 08:07 AM (IST)
Roadmap Against Jaundice: पीलिया व अन्य जल जनित रोगों से छुटकारे के लिए रोडमैप तैयार
पीलिया व अन्य जल जनित रोगों से छुटकारे के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है। जागरण आर्काइव

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। Roadmap Against Jaundice, प्रदेश के शहरों व उपनगरों में रहने वाले लोगों को खुले में सीवरेज के बहने के कारण अब पीलिया का शिकार नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश में हर साल हजारों लोग पीलिया का शिकार बनते हैं और इसमें प्रमुख कारण सीवरेज का गंदा पानी किसी न किसी तौर पर पीने के पानी में मिल कर बीमार कर रहा है। इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इसके तहत अब सेप्टिक टेंक के भरने पर ऐसे ही खुले में सीवरेज बहाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी और संबंधित क्षेत्र एसटीपर यानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के तहत मानिटङ्क्षरग की जाएगी। प्रदेश में हर दिन 210 एमएलडी (एक एमएलडी में दस लाख लीटर होते हैं) सीवरेज उत्पादन होता है जबकि वर्तमान में 65 एसटीपी के माध्यम से 80.28 एमएलडी सीवरेज का उपचार हो रहा है।

खुले में सीवरेज को बहने से रोकने और उसके उपचार के लिए करोड़ों रुपये की लागत से उपनगरों में 31 नए एसटीपी लगाए जएंगे। जबकि 25 नए एसटीपीका निर्माण कार्य चल रहा है और चार को उपग्रेड किया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत उपनगरों व उनके साथ लगते क्षेत्रों के सीवरेज को भी इन नए बनने वाले एसटीपी में जोड़ा जाएगा जिससे सेप्टिक टेंक से बरसात व बारिशों के दौरान खुले में बहने वाले मल को रोका जा सके।

ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न वाले 130.21 एमएलडी सीवरेज के प्रबंधन का अभाव है और ये बरसात और बारिशाों के दौरान देखने को मिलता है। अभी तक व तैयार किए गए रोड़ मैप में केवल 166 उपनगरों व साथ लगते क्षेत्रों में एसटीपी की मैपिंग करके सेप्टिक टेंक के उपचार के लिए कवर किया गया है। उपचार न होने से टेंक में कीचड़ भर जाता है और मल खुले में बहना शुरु हो जाता है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एसटीपी की खराबी व कमियों की करवाएगा जांच

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदेश में चलने वाले एसटीपी के संचालन, प्रबंधन और खराब होने के कारणों की जांच करवाएगा। इसके लिए तीसरे पक्ष को भ ले सकेगा। इस तरह का प्रावधान किया गया है।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

सदस्य सचिव राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपूर्व देवगन का कहना है प्रदेश में सीवरेज प्रणाली को सुधारने के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। 25 नए एसटीपी का निर्माण कार्य चल रहा है और 31 और बनाए जाएंगे। सीवरेज ट्रहटमेंट की क्षमता को बढ़ाने के साथ एसटीपी की मैपिंग में सैप्टिक टैंक की मैपिंग होगी।

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