हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बावजूद राजस्व संग्रह में तीन फीसद तक इजाफा, देखिए आंकड़े

Himachal Revenue हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बावजूद राजस्व संग्रह तीन फीसद बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व प्राप्ति 6796 करोड़ थी जो 2020-21 में सात हजार करोड़ तक पहुंच गई है। मार्च 2021 के लिए कुल राजस्व संग्रह 1006 करोड़ रुपये रहा

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 08:32 AM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 08:32 AM (IST)
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बावजूद राजस्व संग्रह में तीन फीसद तक इजाफा, देखिए आंकड़े
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बावजूद राजस्व संग्रह तीन फीसद बढ़ा है।

शिमला, राज्‍य ब्‍यूरो। Himachal Revenue, हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के बावजूद राजस्व संग्रह तीन फीसद बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व प्राप्ति 6796 करोड़ थी जो 2020-21 में सात हजार करोड़ तक पहुंच गई है। मार्च, 2021 के लिए कुल राजस्व संग्रह 1006 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष इस अवधि के दौरान 699 करोड़ रुपये दर्ज हुआ था। पहली तिमाही में राजस्व संग्रह में 52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। लॉकडाउन के कारण शुरुआती महीनों के दौरान आई रुकावटों को कम किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप राजस्व संग्रह में दूसरी तिमाही में चार फीसद, तीसरी तिमाही में 23 फीसद और चौथी तिमाही में 44 फीसद राजस्व बढ़ा।

मार्च के दौरान वैट में 182 प्रतिशत और राज्य जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्तियों में 31 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई। वैट संग्रह में वृद्धि मुख्य तौर पर विरासत मामलों के समाधान की सफलता के कारण हुई। इस योजना के अंतर्गत विभाग ने कर मामलों को निपटाकर 362 करोड़ रुपये वसूल किए, जिनमें से 182 करोड़ रुपये केवल मार्च 2021 में संग्रहीत किए गए।

इससे बढ़ा राजस्व

राज्य के राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए विरासत मामलों के समाधान योजना के अंतर्गत वसूली, ई-वे बिल का भौतिक सत्यापन, देर से रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज की वसूली, अनुचित आइटीसी की वसूली, कर घाटे की वसूली और कर चोरी से संबंधित मामलों की पहचान और गलत रिफंड शामिल हैं।

जानिए क्‍या कहते हैं मुख्‍यमंत्री

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है राजस्व प्राप्तियों में  वृद्धि के प्रमुख कारणों में आर्थिक गतिविधियों का पुनरुद्धार, सरकार की अनलॉक रणनीति, करदाताओं द्वारा बेहतर अनुपालन और विभाग का बेहतर प्रशासन शामिल हैं। विभाग की प्रदर्शन कार्ड के माध्यम से फील्ड इकाइयों की निगरानी से बहुत ही स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार किया। विभाग ने हाल ही में एक प्रदर्शन कार्ड का उपयोग करके अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए भी एक पहल की है।

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