चट्टानें गिरने से सहमे ढक्की के बाशिंदे, छह सरकारी कार्यालय भी आ सकते हैं चपेट में

नूरपुर शहर का एक किनारा चट्टानों पर बसा हुआ है। चट्टानों के साथ-साथ कई मकान व सरकारी दफ्तर सटे हुए हैं लेकिन पिछले चार दिनों में जिस प्रकार मूसलधार बारिश के चलते दो बार चट्टानें खिसककर नेशनल हाइवे पर गिरी हैं उससे चट्टान किनारे बसने वाले लोग सहमे हुए हैं।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:55 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:55 PM (IST)
चट्टानें गिरने से सहमे ढक्की के बाशिंदे, छह सरकारी कार्यालय भी आ सकते हैं चपेट में
नूरपुर के ढक्की में चट्टानों के उपर बने घर जिन्हें भी खतरा बना हुआ है। जागरण

नूरपुर, प्रदीप शर्मा। नूरपुर शहर का एक किनारा चट्टानों पर बसा हुआ है। चट्टानों के साथ-साथ कई मकान व सरकारी दफ्तर सटे हुए हैं, लेकिन पिछले चार दिनों में जिस प्रकार मूसलधार बारिश के चलते दो बार चट्टानें खिसककर नेशनल हाइवे पर गिरी हैं उससे चट्टान किनारे बसने वाले लोग सहमे हुए हैं।

नूरपुर के न्याजपुर के साथ ढक्की क्षेत्र में कई रिहायशी मकान व दफ्तर चट्टानों के किनारे पर बने हुए हैं जो इस समय खतरे की चपेट में है। बरसात के दिनों में भूस्खलन होने से यह क्षेत्र संवेदनशील माना जाता है। अब सालों बाद इसके दक्षिणी हिस्से में ढक्की की बजाय न्याजपुर के पास यकायक चट्टानें दरकने से लोग सहम गए हैं। नूरपुर शहर का वार्ड नौ का भी एक हिस्सा भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील हैं और यहां दो साल पहले करीब छह से ज्यादा परिवार अपने आशियाने खो चुके हैं। दूसरी तरफ एनएच 154 पर ढक्की से कोर्ट रोड वाली चट्टान पर करीब आधा दर्जन सरकारी कार्यालय, आवास व शहर के वार्ड तीन की एक चौथाई आबादी बसती है। इन सरकारी दफ्तरों में नूरपुर नगर परिषद कार्यालय समेत कुछ रिहायशी मकान नेशनल हाईवे से गुजरते साफ नजर आते हैं। इसके अलावा खंड विकास कार्यालय, एसडीएम व लोनिवि के अधीक्षण अभियंता का सरकारी आवास, पुलिस थाना, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल और नूरपुर के ऐतिहासिक किले में स्थित श्री बृजराज स्वामी मंदिर भी इसी चट्टान पर बना हुआ है। वहीं, ढक्की बस स्टाप से मेन बाजार को जाने वाले रास्ते के ऊपरी हिस्से पर दक्षिणी किनारे पर बने रिहायशी मकान भी खतरे के मुहाने पर खड़े हैं। ढक्की में नेशनल हाईवे के बिल्कुल साथ सटी विशाल चट्टान के दरकने की स्थिति में यह राजमार्ग कभी भी बंद हो सकता हैं। जो अतीत में भूस्खलन के चलते होता भी रहा हैं। मंगलवार को न्याजपुर के पास ऊषा माता मंदिर के रास्ते के नीचे नेशनल हाईवे पर चट्टान दरकने से उक्त क्षेत्र भी अब खतरे की जद में आ गया हैं। यहां बीते पांच दिनों में दो बार चट्टानों का मलबा नेशनल हाईवे पर गिरने से ऊपरी भाग पर बसे लोग भी अब सहमे हुए हैं।

किया जाएगा सर्वे : एसडीएम

एसडीएम अनिल भारद्वाज ने इस संदर्भ में बताया कि प्रशासन जल्द ही नेशनल हाइवे के अधिकारियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए जाएंगे और इसके साथ ही जियोलॉजी ङ्क्षवग से भी उक्त क्षेत्र के सर्वे को लेकर बात की जाएगी।

चार दिन में दो बार नेशनल हाइवे पर गिरी चट्टान

मूसलधार बारिश के चलते 24 जुलाई शनिवार को देर रात्रि नूरपुर के न्याजपुर इलाके में चट्टान गिरने से यातायात बंद हो गया था। प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग की मदद से देर रात को ही दो घंटों के भीतर जेसीबी मशीनों से नेशनल हाइवे को बहाल कर दिया था लेकिन 27 जुलाई मंगलवार दोपहर को उसी क्षेत्र में चट्टान चलती हुई कार पर गिर गई जिससे कार चालक गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस प्रशासन व लोग की मदद से कार की छत व खिड़की तोड़कर कार चालक को बाहर निकाला गया था।

chat bot
आपका साथी