नए रूप में दिखेगी धार्मिक नगरी ज्वालामुखी

-35 करोड़ के विकास पैकेज से हो रहा कायाकल्प -बस अड्डा के साथ अत्याधुनिक पार्किग का क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 09:07 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 09:07 PM (IST)
नए रूप में दिखेगी धार्मिक नगरी ज्वालामुखी
नए रूप में दिखेगी धार्मिक नगरी ज्वालामुखी

-35 करोड़ के विकास पैकेज से हो रहा कायाकल्प

-बस अड्डा के साथ अत्याधुनिक पार्किग का कार्य युद्धस्तर जारी संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : धार्मिक नगरी ज्वालामुखी अब नए रूप में नजर आएगी। एशियन डेवलपमेंट बैंक व पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयासों से ज्वालामुखी की तस्वीर बदल दी है। 35 करोड़ के विकास पैकेज से बस अड्डा ज्वालामुखी के साथ पांच मंजिला अत्याधुनिक पार्किग का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इस पार्किग में 200 छोटी बड़ी कारें एक साथ खड़ी करने की व्यवस्था रहेगी। पार्किग पर 11 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। ज्वालामुखी के मुख्य मंदिर मार्ग पर चार मंजिला सामुदायिक भवन बनकर तैयार है। इन दोनों स्थानों पर लगभग 300 लोगों के एक साथ बैठने की क्षमता वाले दो रेस्तरां भवन भी तैयार हैं। बहुमंजिला होने के कारण पार्किग व सामुदायिक भवन में दो लिफ्ट भी स्थापित कर दी गईं हैं। सामुदायिक भवन पर आठ करोड़ का बजट खर्च हुआ है।

वर्ष 2017 में ज्वालामुखी के विकासात्मक ढांचे को मजबूत करने व शहर को सुंदर व व्यवस्थित करने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक व पर्यटन विभाग सरकार द्वारा स्वीकृत हुए 35 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। नप के सातों वार्ड के रास्तों पर इंटरलॉक टाइल लगाकर चकाचक कर दिया गया है। प्राचीन अष्टभुजा माता के मंदिर को जाने वाले रास्ते पर टाइल लगाने के साथ टॉयलट ब्लॉक भी बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट के अधीन ज्वालामुखी मंदिर मार्ग की पुरानी केनोपी को हटाकर एक सुंदर केनोपी स्थापित की गई है, जिसमें 250 एलइडी लाइटें लगाईं गई हैं, जबकि शहर को चकाचौंध करने के लिए 250 नए बिजली के खंबे व लाइट्स विशेष तौर पर लगाए गए हैं। केनोपी पर दो करोड रुपये खर्च हुए हैं। ज्वालामुखी मंदिर की पहाड़ी के टॉप पर स्थित तारा देवी मंदिर को जाने वाले रास्ते को संवारने के लिए करोड़ों के डंगे लगाकर नई सड़क बनकर तैयार है। जिससे तारा देवी मंदिर के साथ साथ भैरों बाबा मंदिर जाने के लिए भी सुविधा मिलेगी। भवनों में सीसीटीवी कैमरों के अलावा एलईडी भी लगाई जा रही हैं। 35 करोड के इस प्रोजेक्ट पर पिछले तीन साल से काम चल रहा है। शहर के हर गली, मोहल्ले व मंदिर मार्ग सहित पुरानी धरोहरों पर भी काम किया गया है।

-अजय सूद, ठेकेदार। 35 करोड़ के प्रोजेक्ट में लगभग 33 करोड़ के कार्य हो चुके हैं। दो ढाई करोड के काम बचते हैं, जिन्हें जल्द निपटा लिया जाएगा।

-धर्मेंद्र शर्मा, अधिशाषी अभियंता एडीबी।

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