ऊना जिले में जल्द बंद हो सकते हैं नियम पूरे न करने वाले पुनर्वास केंद्र
ऊना जिले में बिना नियम-कानून सबसे ज्यादा पुनर्वास केंद्र खुल गए। इनमें जब विवाद शुरू हुए तो सरकार की निद्रा टूटी और ऐसे तमाम पुनर्वास केंद्रों की जांच की गई। उनके पास कोई वैध दस्तावेज उस समय नहीं थे।
अविनाश विद्रोही, गगरेट। ऊना जिले में बिना नियम-कानून सबसे ज्यादा पुनर्वास केंद्र खुल गए। इनमें जब विवाद शुरू हुए तो सरकार की निद्रा टूटी और ऐसे तमाम पुनर्वास केंद्रों की जांच की गई। उनके पास कोई वैध दस्तावेज उस समय नहीं थे। उसका सबसे बड़ा कारण था कि सरकार के पास इसके लिए कोई गाइडलाइंस उस समय नहीं थी। तब मेंटल हेल्थ केयर एसोसिएशन ने इन पुनर्वास केंद्रों के लिए नियमावली जारी की और एक-एक केंद्र की कमेटी ने जांच की और इन्हें अस्थायी रजिस्ट्रेशन दी गई तथा नियामवली पूरी करने की चेतावनी भी जारी की गई।
ऊना जिले के तमाम नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की रजिस्ट्रेशन दिसंबर, 2020 में समाप्त हो चुकी है और कोविड की वजह से इनका नवीनीकरण नहीं किया गया। अब कोविड का असर थोड़ा कम हुआ है तो स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से इन पुनर्वास केंद्रों की जांच में जुट गया है और डीएसपी, एसडीएम, बीएमओ सहित मनोरोग विशेषज्ञ पर आधारित कमेटी इन केंद्रों में मेंटल हेल्थ केयर एसोसिएशन द्वारा निर्धारित मापदंडों की जांच करेगी और उसकी रिपोर्ट तैयार करके भेजी जाएगी।
गगरेट के तीनों पुनर्वास केंद्र हो सकते हैं बंद
मंगलवार को गगरेट के तीनों पुर्नवास केंद्रों की जांच पर तैयार रिपोर्ट पर जिलाधीश द्वारा सख्त आदेश स्वास्थ्य विभाग को जारी किए गए हैं कि नियमों की अवहेलना करने वाले सभी पुनर्वास केंद्र तुरंत प्रभाव से बंद किए जाएं। दरअसल, गगरेट स्थित तीनों पुर्नवास केंद्र नियमों का पालन नहीं कर रहे और कमेटी ने उन तमाम खामियों का जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया है। इन केंद्रों की रजिस्ट्रेशन भी दिसंबर, 2020 में समाप्त हो चुकी है और स्वास्थ्य विभाग ने इनके रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण न करने की सिफारिश मेंटल हेल्थ केयर अथारिटी को की है।
जिले में हैं 28 पुनर्वास केंद्र
जिले में इस समय 28 पुनर्वास केंद्र हैैं जबकि कुछेक ऐसे भी हैं जो बिना पंजीकरण के महज जुगाड़ व सिफारिश से चलाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक महज तीन केंद्रों में ही एसडीएम गगरेट विनय मोदी व डीएसपी अम्ब सृष्टि पांडे ने टीम के साथ औचक निरीक्षण किया है। इस दौरान केंद्रों में कई खामियों को सुधारने के निर्देश दिए और दस्तावेज तलब किए हैं। पुनर्वास केंद्र बंद होने की सूरत में यहां पर उपचाराधीन युवकों को उनके घरों में भेजा जाएगा। हालांकि इन्हें बंद करने को लेकर पहले दोनों तरफ से पत्राचार किया जाएगा और उसके बाद अंतिम निर्णय प्रशासन की तरफ से लिया जाएगा।
जिले में 2020 दिसंबर में सभी पुनर्वास केंद्रों की रजिस्ट्रेशन समाप्त हो गई है। अब कमेटी सभी केंद्रों का दौरा करेगी और नियम न मानने वालों की रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं करेगी। जिले में इस समय एक भी पुनर्वास केंद्र मापदंड पूरे नहीं कर रहा है।
-रमन कुमार शर्मा, सीएमओ ऊना।