जवाली में पड़ोसी की हत्‍या करने पर रवि ठाकुर को मिली आजीवन कारावास की सजा

अनुही गांव में पड़ोसी की हत्या कर चार सालों तक अंडरग्राउंड रहने के बाद आरोपित को गिरफ्तार किया गया। आरोपित के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पारस डोगरा की अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास व 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 05:32 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 05:32 PM (IST)
जवाली में पड़ोसी की हत्‍या करने पर रवि ठाकुर को मिली आजीवन कारावास की सजा
अनुही गांव में पड़ोसी की हत्या कर चार सालों तक अंडरग्राउंड रहने के बाद आरोपित को गिरफ्तार किया गया।

धर्मशाला, जेएनएन। पुलिस थाना जवाली के तहत पड़ते अनुही गांव में अपने पड़ोसी की हत्या कर चार सालों तक अंडरग्राउंड रहने के बाद आरोपित को गिरफ्तार किया गया। आरोपित के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पारस डोगरा की अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास व 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।

जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि रवि कुमार उर्फ रविंद्र निवासी अनुही कोटला जवाली ने 16 नवंबर 2012 की सुबह गांव के काका पुत्र सरन दास निवासी अनुही की दराट से वार कर हत्या कर दी थी। गांव के नाले के पास जहां उसने हत्या की थी वहां साथ लगते घर की महिला ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा कि 16 नवंबर की सुबह जब वह खाना बन रही थी तो नाले की ओर से किसी के कर्राने की आवाजें आ रहीं थीं। जब देखा तो काका गंभीर हालत में पड़ा था। ग्रामीणों ने उसे उठाकर नाले से बाहर लाया तो उसकी मौत हो गई।

जांच के दौरान रवि कुमार की बुआ ने ब्यान दिया कि सुबह जब उसने देखा तो काका नाले में पड़ा था और रवि वहीं खड़ा था। अपनी बुआ को देखकर रवि वहां से भाग गया। इस घटना के बाद लगभग चार साल के रवि गायब रहा। घर वाले भी पुलिस को गुमराह करते रहे कि उनके बेटा दिल्ली में ट्रक चलाता है और घर नहीं आता और न ही उससे संपर्क होता है।

19 जुलाई 2016 को शिमला पुलिस ने नव बिहार में नाका लगाया था तो वहां रवि नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा गया। जब उससे पूछताछ की तो उसने अपना नाम गलत बताया और खुद को पालमपुर का निवासी बताया। पुलिस जांच में पता चला कि उक्त व्यक्ति के खिलाफ जवाली थाने में हत्या का केस दर्ज है और न्यायालय ने उसे उदघोषित अपराधी घोषित किया हुआ है। पुलिस जांच व पड़ोसियों की ब्यानों पर पता चला कि काका व रवि की हत्या से दो दिन पूर्व किसी बात को लेकर लड़ाई हुई थी। जिस पर रवि ने दराट से वार से काका की हत्या की थी।

पुलिस जांच के बाद न्यायालय में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी उप-जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 23 गवाह पेश किए गए। गवाहों के ब्यानों के आधार पर न्यायालय ने दोषी रवि उर्फ रविंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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