धर्मशाला पुलिस मैदान में जलाया जाएगा रावण का पुतला
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा उत्सव का रंग इस बार फीका ही रहेगा। हालांकि धर्मशाला के पुलिस मैदान में आयोजित होने वाला जिलास्तरीय दशहरा उत्सव के तहत इस बार भी बुराई के प्रतीक रावण मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाएंगे।
धर्मशाला, संवाद सहयोगी। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा उत्सव का रंग इस बार फीका ही रहेगा। हालांकि धर्मशाला के पुलिस मैदान में आयोजित होने वाला जिलास्तरीय दशहरा उत्सव के तहत इस बार भी बुराई के प्रतीक रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाएंगे जबकि जयसिंहपुर का राज्यस्तरीय दशहरा उत्सव इस बार नहीं मनाया जा रहा है और न ही पुतले जलाए जा रहे हैं।
धर्मशाला में जलाया जाएगा 25 फीट का रावण
धर्मशाला के पुलिस मैदान में दशहरा उत्सव के तहत 25 फीट का रावण का पुतला जलाया जाएगा जबकि मेघनाथ और कुंभकर्ण के 20-20 फीट के पुतले जलाए जाएंगे। दशहरा कमेटी कचहरी अड्डा के प्रधान प्रेम कटोच ने बताया कि रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतलों के दहन से पहले भव्य झांकियां भी निकाली जाएंगी। कार्यक्रम में उपायुक्त कांगड़ा डा. निपुण जिंदल बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे।
जयसिंहपुर, संवाद सहयोगी। जयसिंहपुर का राज्यस्तरीय दशहरा इस बार भी कोरोना की भेंट चढ़ गया। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कोरोना का कहर कम है। लगभग सभी कुछ खुल चुका है। 2017 से लेकर अब तक के पांच वर्षों पर नजर डाली जाए तो दो वर्ष आचार सहिंता को लेकर दशहरा फीका रहा व कोरोना काल के दो वर्ष हुआ ही नहीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब चार दशकों से दशहरा उत्सव जयसिंहपुर में मनाया जा रहा है।
पिछले दो वर्षों से पुतलों का दहन नहीं हुआ है। दशहरे की रीत को जारी रखते हुए कमेटी को सांकेतिक रूप से पुतलों का दहन करना चाहिए था, क्योंकि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इससे नई पौध को भी अपने चरित्र निर्माण का संदेश मिलता है कि भगवान श्रीराम ने अपने आदर्श किस प्रकार स्थापित किए थे। हालांकि रामायण के सभी पात्रों का किरदार कुछ न कुछ आम जनता को सिखाते हैं। लेकिन भगवान राम का मर्यादा प्रशोत्तम के आदर्श हम सभी के लिए बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं।