रामलाल बोले, हिमाचल में भी लागू हों छठे आयोग की सिफारिशें

पंजाब में छठे आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद अब हिमाचल में भी छठे आयोग की सिफारिशें लागू करने को लेकर पूर्व मंत्री एवं नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक रामलाल ठाकुर ने मांग उठाई है। रामलाल का कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करनी चाहिए।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:44 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:44 PM (IST)
रामलाल बोले, हिमाचल में भी लागू हों छठे आयोग की सिफारिशें
नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक व कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर का फाइल फोटो

बिलासपुर, संवाद सहयोगी । पंजाब में छठे आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद अब हिमाचल में भी छठे आयोग की सिफारिशें लागू करने को लेकर पूर्व मंत्री एवं नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक रामलाल ठाकुर ने मांग उठाई है। रामलाल ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार को कर्मचारियों के प्रति सोचते हुए छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करनी चाहिए। इस राशि का भुगतान कर्मचारियों व पेंशनर को वर्ष 2016 से मिलना चाहिए। हिमाचल को भी पंजाब की तर्ज पर अब न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर प्रति माह 9000 रुपये तक करनी चाहिए। सालाना इंक्रीमेंट में भी बढ़ौतरी होनी चाहिए।

कांग्र्रेस नेता ने कहा कि हिमाचल सरकार हमेशा पंजाब सरकार का ही अनुसरण करती रही है। पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और यह सिफारिशें एक जुलाई से लागू भी कर दी जाएंगी। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन प्रति माह से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह करने को भी मंजूरी दी जानी चाहिए। वेतन और पेंशन पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों के मुकाबले इस बार करीब करीब 2.59 गुना बढ़ जाएंगे और सालाना इंक्रीमेंट 3 प्रतिशत मिलना निश्चित होना चाहिए। राम लाल ठाकुर ने कहा कि डीसीआरजी और एक्स ग्रेशिया अनुदान भी दोगुना होना चाहिए, मौत अथवा रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (डीसीआरजी) को भी अनुमानित संख्या में बढाया जाना चाहिए। इसके अलावा एक्स ग्रेशिया अनुदान की मौजूदा दरें को दोगुना की जाना चाहिए और मौत या रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और एक्सग्रेशिया को नई पेंशन स्कीम के तहत आने वाले कर्मचारियों को भी प्रदान करने का फ़ैसला करना चाहिए। ठाकुर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के 5000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ वाले बयान पर कहा कि यह कर्मचारियों और पेंशनर्स का हक है और यह एक स्वाभिक और सैद्धांतिक प्रक्रिया है। इसको जल्द ही लागू किया जाना चाहिए।

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