Rama Navami 2021: हरिपुर में 825 वर्ष पुराना राम मंदिर आस्‍था का केंद्र, शिमला राम मंदिर में होगी विशेष प्रार्थना

Rama Navami 2021 कोरोना महामारी रामनवमी पर भी भारी पड़ रही है। रामनवमीं को हर साल मंदिरों में रहने वाली रौनक गायब है। जिला कांगड़ा में हरिपुर स्थित भगवान राम मंदिर में हर साल होने वाला विशाल भंडारा इस बार नहीं किया जा रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 01:29 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 02:50 PM (IST)
Rama Navami 2021: हरिपुर में 825 वर्ष पुराना राम मंदिर आस्‍था का केंद्र, शिमला राम मंदिर में होगी विशेष प्रार्थना
जिला कांगड़ा में हरिपुर स्थित भगवान राम मंदिर

हरिपुर, आनंद किशोर। Rama Navami 2021, कोरोना महामारी रामनवमी पर भी भारी पड़ रही है। रामनवमीं को हर साल मंदिरों में रहने वाली रौनक गायब है। जिला कांगड़ा में हरिपुर स्थित भगवान राम मंदिर में हर साल होने वाला विशाल भंडारा इस बार नहीं किया जा रहा है। सामान्य व सूक्ष्म पूजा ही होगी। कोरोना महामारी के बढ़ने के कारण जहां शक्तिपीठों में भी श्रद्धालुओं की आमद कम रही। वहीं रामनवमीं पर भी कोरोना महामारी भारी पड़ रही है। रामनवमीं पर जिलेभर में कई स्थानों पर भंडारों का आयोजन होता रहा है, लेकिन इस बार ऐसे आयोजन नहीं हो रहे हैं। पूजा भी सूक्ष्म हो रही है।

हरिपुर में बनेर खड्ड के मुहाने पर भगवान राम का मंदिर है। मंदिर में श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां हैं। बाहर श्री हनुमान जी की मूर्ति है। मूर्तियां काले संगमरमर से बनी हैं। मानना है कि मंदिर करीब 825 वर्ष पुराना है। राजा हरिचंद ने 1398 से 1405 के बीच हरिपुर नगर की स्थापना की थी। इस दौरान उन्होंने नगर में 365 कुओं व मंदिरों का निर्माण करवाया था। श्रीराम का मंदिर उससे पहले ही मौजूद था। कुछ लोग इसे पांडवकाल से भी जोड़ते हैं। पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मंदिर का निर्माण करवाया है।

राम मंदिर शिमला में कोरोना संक्रमण के खात्‍मे की प्रार्थना

शिमला। जिला शिमला में बुधवार को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। कोरोना महामारी के बीच भगवान राम के प्राकटोत्सव राम नवमी पर मंदिरों में इस बार विशेष कार्यक्रम नहीं होंगे। राम मंदिर शिमला के पुजारी पंडित सुखदेव शर्मा ने बताया पिछले साल कोरोना के खतरे के बीच रामनवमी का त्यौहार नहीं मनाया गया था, वहीं इस बार भी स्थिति बदली नहीं है। हर साल राम नवमी के मौके पर नौ दिन की कथा, विशेष भजन कीर्तन, झांकियों के अलावा भंडारे का आयोजन होता था। संक्रमण के खतरे के कारण मंदिर कमेटी के सदस्य राम नवमी के दिन भगवान का प्रकटोत्सव मनाएंगे। दोपहर 12 बजे विशेष पूजा अर्चना के साथ महाआरती होगी। मंदिर में घंटियां भी कपड़े से बांध दी हैं, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं में संक्रमण का खतरा न रहे। उत्सव पर महज 25 से 30 लोग ही शामिल हो सकेंगे। राम नवमी के पावन दिन पर कोरोना महामारी के जड़ से खत्म होने के लिए भगवान से प्रार्थना की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि घर पर रहते हुए भगवान राम के जन्मोत्सव को मनाएं और भगवान की प्रसन्नता के लिए व्रत उपवास भी कर सकते हैं।

chat bot
आपका साथी