प्रस्ताव तक ही सिमटा रेनशेल्टर का निर्माण

सुरेश कौशल योल आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के दुर्गम रास्ते का सफर तय करने के लिए मंदिर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 02:32 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 02:32 AM (IST)
प्रस्ताव तक ही सिमटा रेनशेल्टर का निर्माण
प्रस्ताव तक ही सिमटा रेनशेल्टर का निर्माण

सुरेश कौशल, योल

आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के दुर्गम रास्ते का सफर तय करने के लिए मंदिर न्यास ने 2017-2018 के दौरान भौटा ओर कोटलू नामक स्थानों पर दो रेनशेल्टर बनाने का प्रस्ताव पारित किया था, ताकि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को 14 किलोमीटर की तीखी चढ़ाई से निजात पाने के लिए कुछ पल विश्राम करने की सुविधा मिल सके। इस कार्य को अंजाम देने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना भी जरूरी है। बेशक न्यास ने प्रस्ताव पारित कर इस कार्य को पूरा करने के लिए मंजूरी दे दी हो, लेकिन वन भूमि फिर इस योजना में आड़े आ गई है, जिससे यह योजना प्रस्ताव तक ही सीमित होकर रह गई। मंदिर न्यास ने हिमानी चामुंडा मार्ग के दो स्थलों भौटा और कोटलू चिन्हित कर यहां दो रेनशेल्टर बनाने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन कुछ तकनीकी अड़चन के यह कार्य सिरे नहीं चढ़ पाया।

-संसार मित्र दीक्षित, न्यासी। हिमानी चामुंडा मंदिर एक ऐतिहासिक तथा पौराणिक महत्व रखता है। इसकी हर योजना को सिरे चढ़ाने के लिए मंदिर प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए।

-राजेंद्र सिंह बडजातिया। मंदिर की तीखी चढ़ाई से निजात दिलाने के लिए मंदिर न्यास रास्ते पर विश्राम करने के लिए रेनशेल्टर बनाने की कवायद को जल्द शुरू करने के लिए प्रयास कर रही है।

-मनू सूद, मंदिर न्यासी। इसके लिए बकायदा वन विभाग से वार्ता कर रेनशेल्टर बनाने की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

-कैलाश वालिया, मंदिर न्यासी। मंदिर न्यास की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई थी, लेकिन वन भूमि होने से मामला आगे नहीं बढ़ पाया। इसके कोई अन्य विकल्प तलाश किए जा रहे हैं।

-अपूर्व शर्मा, मंदिर अधिकारी। वन भूमि में कोई कार्य करने के लिए एफआरए और एफसीए की मंजूरी लेना अनिवार्य है।

-डा. संजीव शर्मा, डीएफओ वनमंडल धर्मशाला।

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