Dusherra: रघुनाथ की नगरी कुल्लू में आज होगा देवमहाकुंभ, 15 से 21 अक्टूबर तक मनाया जाएगा दशहरा उत्सव
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आज आगाज होगा। भगवान रघुनाथ सहित जिला भर के देवी-देवता दशहरा उत्सव में शामिल होंगे। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर इसका शुभारंभ करेंगे। इस बार न तो व्यापारिक गतिविधियां है और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगी।
कुल्लू, दविंद्र ठाकुर। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आज आगाज होगा। भगवान रघुनाथ सहित जिला भर के देवी-देवता दशहरा उत्सव में शामिल होंगे। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर इसका शुभारंभ करेंगे। इस बार न तो व्यापारिक गतिविधियां है और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगी। इस बार दशहरा उत्सव में देवी देवताओं का ही संगम होगा।
दशहरा उत्सव के लिए अठारह करडू की सौह यानी ढालपुर मैदान पुरी तरह से सज गया है। रघुनाथ जी व देवी-देवताओं के अस्थायी शिविर भी सज गए हैं। सैकड़ों देवी-देवताओं के पहुंचते ही अठारह करडू की सौह देव ध्वनि से गुंजायमान होगी। सभी देवी-देवता रघुनाथ जी से भेंट करेंगे। रघुनाथ जी की रथयात्रा के साथ ही दशहरा उत्सव शुरू हो जाएगा। लंका दहन के साथ उत्सव का समापन होगा। कुल्लू के ढालपुर मैदान में वीरवार शाम से ही देवी-देवताओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। बिजली महादेव रघुनाथपुर और माता हिडिंबा रामशिला पहुंच गई हैं।
छह स्थानों पर होता है दशहरा उत्सव का आयोजन
दशहरा उत्सव का इतिहास साढ़े तीन सौ साल पुराना है। कुल्लू जिला में छह स्थानों पर दशहरा उत्सव मनाया जाता है। इसमें अठारह करडू की सौह ढालपुर में मनाया जाना वाला दशहरा सबसे अहम है। इसके अतिरिक्त धार्मिक नगरी मणिकर्ण, हरिपुर, धरोहर गांव नग्गर तथा वशिष्ठ में भी दशहरा उत्सव मनाया जाता है। मणिकर्ण, नग्गर तथा हरिपुर में कुल्लू की तरह रथयात्रा निकाली जाती है। मणिकर्ण में छह से सात देवी-देवता भाग लेते हैं वहीं हरिपुर दशहरा में चार से पांच देवी-देवता भाग लेते हैं। कुल्लू में दशहरा उत्सव को सात दिन तक मनाया जाता है। मणिकर्ण में भी सात तथा हरिपुर में पांच दिन, नग्गर के ठावा व वशिष्ठ में एक-एक दिन का दशहरा उत्सव मनाने की परंपरा है। कोरोना संकट के बीच इस बार हर जगह पर सीमित आयोजन होगा।
कुल्लू के उपायुक् त आशुतोष गर्ग नेकहा किअंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज आज दोपहर बाद रथयात्रा के साथ होगा। दशहरा उत्सव का शुभारंभ राज्यपाल करेंगे। और लंका दहन के साथ इसका समापन होगा। इस दौरान सभी को कोविड के नियमों का पालन करना होगा।