नगर निगम चुनाव में भाजपा के अादर्श व नियमों पर भी उठे सवाल

नगर निगम चुनाव परिणाम अाने के बाद महापौर व उपमहापौर बनाने के लिए राजनैतिक पार्टियों ने समीकरण बनाने व गठजोड़ का दौर शुरू किया। एेसे में भाजपा अाठ कांग्रेस पांच व चार निर्दलीय जीते हैं। जिनमें दो भाजपा संबंधित रहे हैं तो दो कांग्रेस समर्थित रहे हैं।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 08:18 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 08:18 AM (IST)
नगर निगम चुनाव में भाजपा के अादर्श व नियमों पर भी उठे सवाल
नगर निगम चुनाव परिणाम के बाद महापौर व उपमहापौर बनाने के लिए राजनैतिक पार्टियों ने समीकरण बनाना शुरू किया।

धर्मशाला, नीरज व्यास। नगर निगम चुनाव परिणाम अाने के बाद महापौर व उपमहापौर बनाने के लिए राजनैतिक पार्टियों ने समीकरण बनाने व गठजोड़ का दौर शुरू किया। एेसे में भाजपा अाठ, कांग्रेस पांच व चार निर्दलीय जीते हैं। जिनमें दो भाजपा संबंधित रहे हैं तो दो कांग्रेस समर्थित रहे हैं।

बागी होकर चुनाव लड़ने वालों को पार्टियों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब महापौर व उपमहापौर बनाने के लिए भाजपा को एक तो कांग्रेस को चार उम्मीदवार अपने साथ चाहिए। एेसे में होटल धौलाधार में भाजपा के वरिष्ठ रणनीतिकारों ने नीति बनाई तो नगरोटा बगवां के विधायक अरुण मेहरा कूका की भूमिका भी नजर अाई जो कुछ समय से अंदरखाते निभाई जा रही थी।

विधायक अरुण मेहरा कूका के सहयोग से वन मंत्री राकेश पठानिया अौर सांसद किशन कपूर सिद्धपुर से निर्दलीय जीते प्रत्याशी सर्वचंद को भाजपा के खेमे में ले अाए। एेसे में अपना महौपार व उपमहापौर के लिए भाजपा ने नौ पूरे कर लिए। लेकिन इस सब के पीछे पार्टी के आदर्श व संस्कार सूली पर चढ़ गए। पार्टी ने सर्वचंद को बतौर अाजाद उम्मीदवार मैदान में कूदने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

लेकिन पार्टी ने चुनाव परिणाम के बाद अपना महापौर व उप महौपार बनाने के लिए यह सब नजर अंदाज कर सर्वचंद को अपने खेमे में ले लिया। हालांकि अभी कांग्रेस भी अपना गुगाड़ लगा रही है कि निर्दलीय कांग्रेस का दामन थामे अौर कांग्रेस अपना महापौर व उपमहापौर बनाए। लेकिन एेसा होता अब दिख नहीं रहा है। हालांकि पार्टी से निष्कासित निर्दलीय को अपने खेमे में लेने से राष्ट्रीय दल भाजपा के अादर्श व नियमों पर भी सवाल उठे हैं।

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