जख्मों पर आश्वासनों का 'मरहम'

सुरेश कौशल योल हर क्षेत्र को सड़क से जोड़ने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन क्षेत्रों के मार्गो की मरम्मत नहीं की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 04:50 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 04:50 AM (IST)
जख्मों पर आश्वासनों का 'मरहम'
जख्मों पर आश्वासनों का 'मरहम'

सुरेश कौशल, योल

हर क्षेत्र को सड़क से जोड़ने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति इसके विपरीत है। यहां लोक निर्माण विभाग सड़क पर पड़े जख्मों को भरने के लिए केवल आश्वासनों का ही मरहम लगा रहा है और वास्तव में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां बात हो रही है योल के मानक शाह गेट के पास से टीका वणी बंदोरडू क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क की।

इस सड़क किनारे कई शैक्षणिक संस्थान भी हैं और रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। मार्ग पर जगह-जगह पड़े गड्ढों से वाहन चालकों के साथ-साथ राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मार्ग किनारे मार्केट भी है और इस कारण खरीदारी के लिए आने वालों को हमेशा हादसे का डर सताता रहता है। उधर, संबंधित विभाग का तर्क है कि मौसम साफ होने के बाद ही मार्ग की मरम्मत की जाएगी।

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पिछले काफी समय से सड़क पर जगह- जगह गड्ढे पड़ने से वाहन चालकों व राहगीरों को परेशानी हो रही है। यह मार्ग तीन गांवों के लोगों को जोड़ता है।

-ललित शर्मा, निदेशक द्रोणाचार्य कालेज योल।

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सड़क की मरम्मत के लिए कई बार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया है लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

-अनिल कुमार

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सड़क से रोजाना सैकड़ों वाहन आवाजाही करते हैं लेकिन हर समय हादसे का डर सताता रहता है। लोक निर्माण विभाग इस ओर ध्यान दे।

-राजेश चौधरी

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तीन गांवों को जोड़ने के लिए यही एक संपर्क सड़क है। सैन्य क्षेत्र से गुजरने से लोगों को परेशानी होती। लोनिवि मार्ग को सुधारने के लिए पहल करे।

-कुलदीप चंद।

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सड़क की बदहाली का मामला ध्यान में है। बरसात खत्म होने के साथ ही सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

-एसके डढ़वाल, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग मंडल धर्मशाला

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ये भी हैं तथ्य

-मानक शाह द्वार से टीका वणी बंदोरडू सड़क का निर्माण वर्ष 2010 में हुआ था।

-पौने दो किलोमीटर लंबे मार्ग पर अनुमानित डेढ़ करोड़ रुपये व्यय हुए थे।

-लोक निर्माण विभाग ने सड़क का निर्माण किया था।

-विभागीय अधिकारियों की देखरेख में ही कार्य हुआ था।

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