Himachal Corona Vaccination : ऊना जिला की पंचायतों में प्रस्ताव पास, शत प्रतिशत हो चुका है कोरोना टीकाकरण

Himachal Corona Vaccination हिमाचल के ऊना जिला की सभी पंचायतों में शत प्रतिशत कोरोना टीकाकरण हो गया है जबकि अन्य जिलों से अभी पंचायतों के प्रस्ताव मिल रहे हैं। प्रदेश की पंचायतों के 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगने के प्रस्ताव पारित होने थे।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 08:09 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 08:09 PM (IST)
Himachal Corona Vaccination : ऊना जिला की पंचायतों में प्रस्ताव पास, शत प्रतिशत हो चुका है कोरोना टीकाकरण
ऊना जिला की पंचायतों में प्रस्ताव पास केि शत प्रतिशत हो चुका है कोरोना टीकाकरण। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Corona Vaccination, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की सभी पंचायतों में शत प्रतिशत कोरोना टीकाकरण हो गया है, जबकि अन्य जिलों से अभी पंचायतों के प्रस्ताव मिल रहे हैं।

प्रदेश की पंचायतों के 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगने के प्रस्ताव पारित होने थे। इस संबंध में शुक्रवार को विशेष ग्रामसभा रखी गई थी। शिमला, सोलन जिला की करीब 65 फीसद पंचायतों से अभी सूचना मिली है कि वैक्सीनेशन हो चुका है। कुछ पंचायतों से अभी जानकारी नहीं मिली है। एक से दो दिन में जानकारी मिलने की उम्मीद जताई है। पहले सूचनाएं जिला उपायुक्त, उसके बाद सीएमओ और फिर राज्यस्तर पर स्वास्थ्य विभाग को पहुंच रही है। इस प्रक्रिया के कारण भी समय लग रहा है। माना जा रहा है कि प्रदेश की अधिकतर पंचायतों में पात्र लोगों, जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज के बाद 84 दिन पूर्ण हो चुके हैं उन्हें वैक्सीन लग चुकी है।

हिमाचल प्रदेश में करीब 50 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। हर दिन अब 80 से 85 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। 30 नवंबर तक 55.23 लाख लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हिमाचल प्रदेश में वैक्सीन की कमी नहीं है।

कई जगह बिना डोज लगाए ही आ गए बधाई संदेश

प्रदेश में कई जगह वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाए बिना ही कुछ लोगों को सफलतापूर्वक डोज लगाने के बधाई संदेश आ रहे हैं। साथ ही जिन्हें दूसरी डोज लगनी भी है, उनके वैक्सीन संबंधित प्रमाण पत्र पोर्टल से डाउनलोड हो जा रहे हैं। इस संबंध में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य सचिव के बयान भी अलग-अलग हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग इसे तकनीकी खामी मान रहा है। कांगड़ा, ज्वालामुखी, जोगेंद्रनगर व ऊना में ऐसे मामले आए हैं।

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