सरकार के फैसले से निजी स्कूल संघ नाराज, संपूर्ण टोकन टैक्स व पैसेंजर टैक्स माफ करने की लगाई गुहार

निजी स्कूल संघ सरकार से निजी स्कूलों को भी राहत देने की पैरवी की है। निजी स्कूल संघ का कहना है कि उन्‍होंने शतप्रतिशत टोकन टैक्स व पसेंजर टेक्स माफ करने की गुजारिश की थी। स्कूलों की बसें पिछले साल मार्च से खड़ी हैं।

By Richa RanaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 04:01 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 04:01 PM (IST)
सरकार के फैसले से निजी स्कूल संघ नाराज, संपूर्ण टोकन टैक्स व पैसेंजर टैक्स माफ करने की लगाई गुहार
निजी स्कूल संघ ने सरकार से निजी स्कूलों को भी राहत देने की पैरवी की है।

जयसिंहपुर, जेएनएन। निजी स्कूल संघ ने सरकार से निजी स्कूलों को भी राहत देने की पैरवी की है। वहीं मंत्रिमंडल के परिवहन विभाग को लेकर लिए फैसले को लेकर भी रोष व्यक्त किया है। निजी स्कूल संघ का कहना है कि उन्होंने सरकार से शतप्रतिशत टोकन टैक्स व पसेंजर टेक्स माफ करने की गुजारिश की थी परंतु टैक्स में सरकार ने मात्र 50 प्रतिशत छूट देकर निजी स्कूल संचालक को निराश ही किया है।

गौरतलब है की स्कूलों की बसें पिछले साल मार्च से खड़ी हैं। इन बीते 15 महीनों में सरकार ने मात्र चार महीने का केवल टोकन टेक्स ही माफ किया है। जबकि एक दिन के लिए भी ये बसें नही चली हैं। आपदा की इस घड़ी में जहां सरकार ने हर वर्ग को राहत प्रदान की है तो निजी स्कूल संचालकों के दर्द भी सरकार को समझना चाहिए।

निजी स्कूल संचालक कोरोना काल मे बसों के खर्च व अन्य खर्चों से कर्ज में डूबे हैं।

इसलिए स्कूल संघ ने सरकार से मांग रखी है कि जब तक स्कूल नहीं खुलते हैं तब तक संपूर्ण टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स माफ किया जाए। इसके अलावा कैपिटल फंड स्कूल बस संचालकों को भी प्रदान किया जाए।

निजी स्कूल संघ के प्रवक्ता जसवंत डढवाल ने सरकार से निवेदन किया की स्कूलों को भी चरणबद्ध तरीके से खोला जाए ताकि जो वित्तीय संकट निजी स्कूलों और उसे संबंधित व्यवसाय व पड़ा है उसकी भरपाई हो सके ओर बच्चों की पढ़ाई भी सुचारू रूप से चल सके। जब से कोरोना महामारी ने दस्तक दी है। स्कूल प्रबंधन को स्कूलों को चला पाना मुश्किल हो गया है। इस लिए जरूरी है कि सरकार निजी स्कूलों की परेशानी को भी समझे ।

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