निजी स्कूल संगठन ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

हिमाचल प्रदेश निजी स्कूल संगठन कोर कमेटी की बैठक शुक्रवार को प्रियदर्शनी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पट्टी में प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता उर्फ रॉकी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय लिया कि निजी स्कूलों की समस्याओं को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से बातचीत कर हल करवाया जाएगा।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:11 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:11 PM (IST)
निजी स्कूल संगठन ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल
पालमपुर में अपनी बात रखते हुए राजेश रॉकी। जागरण

पालमपुर, संवाद सहयोगी। हिमाचल प्रदेश निजी स्कूल संगठन कोर कमेटी की बैठक शुक्रवार को प्रियदर्शनी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पट्टी में प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता उर्फ रॉकी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय लिया कि निजी स्कूलों की समस्याओं को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से बातचीत कर हल करवाया जाएगा। राजेश ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो सालों से बंद निजी स्कूल अब बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। जिन हालातों में निजी स्कूलों का वजूद समाप्त हो रहा है, वह वास्तव में ही दु:खद घटना है।

उन्होंने माना कि वैश्विक महामारी का असर हर सेक्टर पर पड़ा है, लेकिन तीन सेक्टर इससे पूरी तरह प्रभावित हुए हैं। इनमें निजी स्कूल, निजी परिवहन व होटल इंडस्ट्री शामिल हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4800 निजी स्कूल है, इनमें 10 प्रतिशत स्कूल उच्च कोटि के माने जाते हैं, जिनकी फीस लाखों रुपये में है, जबकि अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों व स्टाफ प्रबंधन के लिए ही फीस ली जाती है। कोरोनाकाल में एक अन्य मंच प्रकाश में आया, अभिभावक मंच। इस मंच ने सरकार के साथ मिलकर निजी स्कूलों की फीस को निशाना बनाना आरंभ कर दिया है। यहां तक कि निजी स्कूल संचालकों को लुटेरा तक की संज्ञा दे दी गई। शिमला व कसौली आदि में अत्याधिक फीस वसूल करने वाले 10 प्रतिशत स्कूलों के विरुद्ध किसी ने कुछ नहीं कहा। छोटे-छोटे स्कूलों को निशाना बनाया गया।

निजी स्कूलों के पास दो से चार बसें बच्चों को घर से लाने और वापस पहुंचाने के लिए हैं, जो पिछले दो साल से परिसर में खड़ी हैं। अधिकतर बसों में जंग लग चुका है। स्कूल संचालकों को इनकी मरम्मत के साथ परिवहन विभाग को टैक्स की भरपाई करनी पड़ रही है। निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से मांग की कि प्राइवेट ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों की तर्ज पर निजी स्कूल की बसों का टैक्स भी पूरा माफ किया जाए।

उन्होंने निजी स्कूलों की समस्याओं को समझने और समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की सरकार से मांग की है।

chat bot
आपका साथी