हिमाचल प्रदेश में कल से थम जाएंगे निजी बसों के पहिये, कांगड़ा के ऑपरेटर्स भी करेंगे हड़ताल, पढ़ें पूरा मामला

Himachal Private Bus Operators हिमाचल प्रदेश में तीन मई से निजी बसों के पहिये थम जाएंगे। जिला कांगड़ा प्राइवेट बस ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी भी हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ के आह्वान पर 3 मई से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 11:30 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:30 AM (IST)
हिमाचल प्रदेश में कल से थम जाएंगे निजी बसों के पहिये, कांगड़ा के ऑपरेटर्स भी करेंगे हड़ताल, पढ़ें पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश में तीन मई से निजी बसों के पहिये थम जाएंगे।

धर्मशाला, जेएनएन। Himachal Private Bus Operators, हिमाचल प्रदेश में तीन मई से निजी बसों के पहिये थम जाएंगे। जिला कांगड़ा प्राइवेट बस ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी भी हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ के आह्वान पर 3 मई से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देगी। जिला कांगड़ा प्राइवेट बस ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष रवि दत्त शर्मा ने कहा 25 अप्रैल को बकायदा उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेज मांग उठाई गई थी कि एक सप्ताह में उनकी मांगों को पूरा किया जाए अन्यथा तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।

उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर पिछले आठ माह से अपनी मांगों को लेकर सरकार के पास लगातार गुहार लगाते आ रहे हैं तथा सरकार भी बार-बार आश्वासन दे रही है। लेकिन अभी तक इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। निजी बस ऑपरेटर बढ़ती महंगाई एवं सवारियां कम होने के कारण बसे चलाने में असमर्थ है तथा आजकल भी 10 से 15 फीसद बसें प्रदेश में चल रही है।

वहीं मुख्यमंत्री ने 15 अप्रैल, 2021 यानी हिमाचल दिवस के मौके पर तीन माह का 50 फीसद टैक्स माफ करने की घोषणा की जबकि पिछले 8 माह का टैक्स अभी भी बकाया है। बस ऑपरेटरों की मांगों में मुख्यतः टैक्स माफी एवं कार्यशील पूंजी को लागू करना है, लेकिन सरकार बार-बार आश्वासन देने के बावजूद इस पर कोई फैसला नहीं ले रही है।

हालांकि 25 मार्च, 2021 को प्रधान सचिव परिवहन की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें फैसला लिया गया था कि अप्रैल माह की कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी तथा फैसला भी लिया जाएगा। लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की और न ही इस पर कोई फैसला हुआ है, इसलिए निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें खड़ी करने को मजबूर हैं।

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