President Himachal Visit : राष्ट्रपति बोले, हिमाचल में प्राकृतिक आपदाएं रोकने के लिए विज्ञानी समाधान खोजें

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं से जानमाल का नुकसान रोकने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार से विज्ञानी समाधान तलाशने को कहा है। उन्होंने इस पहाड़ी राज्य में बादल फटने और भूस्खलन जैसे घटनाओं पर दुख जाहिर किया।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:05 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:05 PM (IST)
President Himachal Visit : राष्ट्रपति बोले, हिमाचल में प्राकृतिक आपदाएं रोकने के लिए विज्ञानी समाधान खोजें
राष्ट्रपति हिमाचल में प्राकृतिक आपदाएं रोकने के लिए विज्ञानी समाधान खोजने का आह़वान किया। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं से जानमाल का नुकसान रोकने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार से विज्ञानी समाधान तलाशने को कहा है। उन्होंने इस पहाड़ी राज्य में बादल फटने और भूस्खलन जैसे घटनाओं पर दुख जाहिर किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों सरकारें प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने का समाधान जरूर खोजेंगी। उन्होंने हादसों का शिकार हुए लोगों के प्रति शोक जताकर पीडि़त परिवार से गहरी संवेदनाएं व्यक्त की।

गौरतलब है कि इस वर्ष भी प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है। किन्नौर में भूस्खलन से स्थानीय लोगों सहित कई पर्यटकों की जान चली गई थी। मानसून के शुरुआत में कांगड़ा जिले में भी बादल फटने और भूस्खलन की वजह से कई लोग काल का ग्रास बने थे।

लाहुल में आई थी बड़ी आपदा

27-28 जुलाई को लाहुल-स्पीति जिले के ठंडे रेगिस्तान में असाधारण रूप से हुई भारी बारिश से सात लोगों की मौत हो गई थी। केलंग और उदयपुर उपखंड में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ जैसी 12 घटनाएं सामने आई हैं।

विज्ञानियों ने दी है चेतावनी

हिमाचल सरकार के पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग ने 2012 में जलवायु परिवर्तन पर राज्य की रणनीति और एक्शन प्लान तैयार किया था। इस दस्तावेज में चेताया गया था कि जलवायु परिवर्तन के असर को कम नहीं किया गया तो राज्य में बाढ़, भूस्खलन, ग्लेशियर व झीलों का फटना, अधिक बारिश और बर्फबारी सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि होगी। एक्शन प्लान में प्रदेश में स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने पर बल देने की बात कही गई है। स्टेट स्ट्रैटेजी एडं एक्शन प्लान फार क्लाइमेट चेंज में भविष्यवाणी की गई है कि 2030 तक प्रदेश के न्यूनतम तापमान में एक से पांच डिग्री सेल्सियस और अधिक तापमान में 0.5 से 2.5 डिग्री सेल्सियस तक का अंतर देखा जाएगा। 2030 तक हिमाचल में बारिश के दिनों में पांच से 10 अधिक दिन जुड़ेंगे। वहीं हिमाचल के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में इनकी संख्या 15 तक हो सकती है।

chat bot
आपका साथी