President Himachal Visit : राष्ट्रपति के परिवार ने की रिज, माल रोड व लक्कड़ बाजार की सैर, हिमाचली वस्तुओं की खरीदारी भी की

चार दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंचे महामहिम राम नाथ कोविन्द का परिवार शुक्रवार को माल रोड पर घूमने आया। इस दौरान सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया था। राम नाथ कोविन्द की पत्नी सहित उनके परिवार के सभी सदस्य माल से लेकर ही रिज मैदान पर घूमे।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 03:50 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 03:50 PM (IST)
President Himachal Visit : राष्ट्रपति के परिवार ने की रिज, माल रोड व लक्कड़ बाजार की सैर, हिमाचली वस्तुओं की खरीदारी भी की
राष्ट्रपति के परिवार ने रिज, माल रोड व लक्कड़ बाजार की सैर की। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। चार दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंचे महामहिम राम नाथ कोविन्द का परिवार शुक्रवार को माल रोड पर घूमने आया। इस दौरान सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया था। राम नाथ कोविन्द की पत्नी सहित उनके परिवार के सभी सदस्य माल से लेकर ही रिज मैदान पर घूमे।

हिमाचल इंपोरियम में देखे परिधान

माल रोड पर पहुंचते ही वे सबसे पहले हिमाचल इंपोरियम गए। इसके बाद यहां पर हिमाचली परिधान देखे। हिमाचली परिधानों के राष्ट्रपति की पत्नी सहित परिवार से सभी सदस्य मुरीद हो गए। हिमाचली शाल से लेकर कुछ अन्य उत्पादों की खरीदारी भी की। रिज मैदान पहुंचने के बाद इसे कैमरे में कैद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके परिवार के सभी सदस्य रिज मैदान पर फोटो खिंचवाते रहे।

शिमला की धुंध कैमरे में की कैद

स्वजन ने चर्च से लेकर शिमला की पहाड़ों पर फैली धुंध को भी कैमरे में कैद किया। इसके बाद लक्कड़ बाजार पहुंचे। यहां पर उन्होंने लकड़ी के बने उत्पादों को देखा। खास तौर पर लकड़ी के बने उत्पादों के बारे में जानकारी हासिल की। शिमला की यादों के तौर पर संजोए रखने के लिए अपने साथ भी ले गए।

लक्कड़ बाजार में की चहलकदमी

लकड़ी से बने उत्पादों के लिए लक्कड़ बाजार अंग्रेजों के समय से जाना जाता है। हालांकि अब यह उत्पाद बिकने के लिए अब पहले के मुकाबले काफी कम हो गए हैं। इसके बावजूद राष्ट्रपति के स्वजन लकड़ी से बने हुए खिलौने से लेकर अन्य उत्पादों को ढूंढते रहे। इसके बाद माल रोड पर भी कुछ समय के लिए चहलकदमी की।

लोगों के चलने के लिए अलग व्यवस्था

शहर में राष्ट्रपति के स्वजन के माल रोड, रिज व लक्कड़ बाजार पहुंचते ही सुरक्षा को काफी बढ़ा दिया था। इस दौरान आम लोगों को आगे जाने की अनुमति नहीं थी। आम लोगों को चलने के लिए भी एक तरफ रस्सी लगाकर पूरी तरह से अलग व्यवस्था कर रखी थी।

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