President Himachal Visit : राष्ट्रपति ने महादेव व देवी पार्वती का उल्लेख कर विश्व शांति का किया आह्वान
राष्ट्रपति ने भगवान महादेव शंकर और देवी पार्वती का उल्लेख कर हिमालय के आंचल में बसे हिमाचल को शांति का द्योतक बताया। उन्होंने पहाड़ में बसने वाले लोगों को शांतिप्रिय बताया। जरूरत पडऩे पर देश की आन बान और शान के लिए मर मिटने से भी पीछे नहीं हटते हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भगवान महादेव शंकर और देवी पार्वती का उल्लेख कर हिमालय के आंचल में बसे हिमाचल को शांति का द्योतक बताया। उन्होंने पहाड़ में बसने वाले लोगों को शांतिप्रिय बताया। यह भी कहा कि पहाड़ के लोग जरूरत पडऩे पर देश की आन, बान और शान के लिए मर मिटने से भी पीछे नहीं हटते हैं। इसका प्रमाण प्रदेश को मिले परमवीर चक्र हैं। उन्होंने कहा कि देववाणी संस्कृत के साहित्य में देवभूमि हिमाचल की प्रशस्ति के अनेक उदाहरण प्राप्त होते हैं। हमारी लोक परंपरा में इस क्षेत्र को महादेव शंकर और देवी पार्वती से जुड़ा माना गया है। एक बहुत प्रचलित प्रार्थना है :
हिमाचल-सुता-नाथ-संस्तुते परमेश्वरि।
रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।।
यानी हिमालय की कन्या पार्वती के पति भगवान शंकर द्वारा प्रशंसित होने वाली, हे परमेश्वरी! सभी लोगों को रूप, विजय और यश प्रदान कीजिए। शत्रु के समान विद्यमान कुरीतियों का नाश कीजिए। मैं यही प्रार्थना, लोकतंत्र के इस पावन मंदिर में हिमाचल के निवासियों और सभी देशवासियों के कल्याण के लिए करता हूं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के शांतिप्रिय परंतु बहादुर लोग जरूरत पडऩे पर अन्याय, आतंक और देश की अस्मिता पर किसी भी प्रकार के प्रहार का वीरतापूर्वक जवाब देते रहे हैं। यहां के हर गांव के युवा भारतीय सेनाओं में सेवाएं प्रदान करते हैं। राज्य में पूर्व सैनिकों की संख्या एक लाख बीस हजार से भी अधिक है। इस वीरभूमि से ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष में प्राण न्योछावर करने वाले राम सिंह पठानिया, देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कारगिल में शहीद हुए परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बतरा, परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार और कारगिल के नायक शहीद कैप्टन सौरभ कालिया जैसे अनेक शूरवीरों ने देश और हिमाचल का मस्तक ऊंचा किया है। सैन्य बलों का सुप्रीम कमांडर होने के नाते राष्ट्रपति ने कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन वीरों की पावन स्मृति को नमन किया।